रोगी अजय साहू जो किडनी रोग से जूझ रहे थे। अजय बरेली के रहने वाले हैं। उन्हें किडनी की बीमारी में कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। रोगी को एलोपैथी डॉक्टर ने कहा था कि, क्रिएटिनिन कम नहीं हो सकता है यह लगातार बढ़ेगा और इसका डायलिसिस या ट्रांसप्लांट के बिना कोई इलाज नहीं हैं।

इलाज से पहले

  • शरीर में कमजोरी होना
  • पेट में दर्द
  • उच्च क्रिएटिनिन लेवल – 2.02

आयुर्वेदिक उपचार के बाद

कर्मा आयुर्वेदा से आयुर्वेदिक उपचार प्राप्त करने के बाद रोगी ने बहुत से बदलाव और सुधार देखने को मिल हैं। वह पहले से काफी स्वस्थ महसूस कर रहे हैं, शारीरिक तौर पर फीट हैं और क्रिएटिनिन लेवल भी पहले से कम हो गया हैं।

  • पेट दर्द में सुधार
  • कमजोरी का खत्म होना
  • क्रिएटिनिन लेवल – 1.38

किडनी का खराब होना

शरीर के कुछ अंग बहुत ही अहम होते हैं, क्योंकि उनसे ही पूरे शरीर का सिस्टम सुचारू रूप से चलता हैं जिनमें से एक हैं किडनी। किडनी यानी किडनी जो शरीर के अन्य अंगों की तरह बेहद अहम और नाजुक होते हैं, इनके असंतुलित हो जाने से पूरे शरीर की स्थिति बिगड़ जाती हैं, इसलिए इनका खास ध्यान रखने की जरूरत होती हैं। आज के दौर में जैसे-जैसे उन्नति होती जा रही हैं वैसे-वैसे किडनी रोग सै पीड़ित लोगों की संख्या बढ़ती जा रही हैं। जबकि बहुत-सी छोटी-छोटी बातों को अपनाकर किडनी की बीमारी से बचाव किया जा सकता हैं।

किडनी से तीन हार्मोन, रेनिन, ऐरिथ्रोपोयटिन और कैल्सिट्रियाल निकलते हैं। रक्तचाप सामान्य होने पर रेनिन का स्त्राव होता हैं। ऐरिथ्रोपोयटिन रक्त के तत्वों को प्रेरित करता हैं। ये रक्त बनाने के लिए अति आवश्यक हैं। कैल्स्ट्रियाल हड्डियों में कैल्शियम तथा रासायनिक संतुलन बनाए रखती हैं। सामान्य रूप से वह 24 घंटे में से 1 से 2 लीटर जितना पेशाब बनाकर शरीर को निरोग रखता हैं। किसी वजह से अगर एक किडनी कार्य करना बंद कर दे अथवा दुर्घटना में खो देना पड़े तो उस व्यक्ति की दूसरी किड़नी पूरा कार्य संभालती हैं और शरीर को कमजोर होने से बचाकर स्वस्थ रखती हैं।

कर्मा आयुर्वेदा दिल्ली के बेस्ट अस्पताल में से एक हैं। ये 1937 में धवन परिवार द्वारा स्थापित किया गया था और आज इसके नेतृत्व में डॉ. पुनीत धवन हैं। डॉ. पुनीत 30 हजार से भी ज्यादा मरीजों का इलाज कर चुके हैं। साथ ही हर मरीज को डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट से छुटकारा दिलाया हैं।