आप सब जानते हैं कि किडनी शरीर में अधिक पानी, नमक और अन्य क्षार को पेशाब द्वारा शरीर से बाहर निकालकर इन पदार्थो का संतुलन बनाने का महत्वपूर्ण कार्य करती है। किडनी रोग में ये नियंत्रण का कार्य ठीक तरह से नहीं होते है और इसके किडनी रोग के मरीजों में पानी, नमक, पोटैशियम युक्त खाध्य पदार्थ आदि सामान्य मात्रा में लेने पर भी कई बार गंभीर समस्या उत्पन्न हो सकती है।

किडनी रोग के मरीजों में कम कार्य किडनी को अधिक बोझ से बचाने के लिए तथा शरीर में पानी, नमक और क्षारयुक्त पदार्थ कि उचित मात्रा बनाए रखने के लिए आहार के इस महत्व को ध्यान में रखकर यहां किडनी रोग के लिए आहार योजना संबंधी जानकारी और मार्गदर्शन देना उचित समझा गया है, लेकिन आपको डॉक्टर पुनीत धवन से पुरी जानकारी के अनुसार आहार निश्चित करना जरूरी है।

आहार योजना के सिद्धान्त

  • क्रोनिक किडनी फेल्योर के अधिकांश मरीजों को आहार लेने कि सलाह दी जाती है।
  • पानी और तरल पदार्थ निर्देशानुसार कम मात्रा में लेना।
  • किडनी रोग के लिए आहार योजना में सोडियम पोटैशियम और फास्फोरस की मात्रा कम होना चाहिए।
  • प्रोटीन कि मात्रा अधिक नहीं होनी चाहिए। 0.8 से 1.0 ग्राम / किलोग्राम शरीर के वजन के बराबर प्रोटीन प्रतिदिन लेने कि सलाह दी जाती है।
  • जो मरीज पहले ही डायलिसिस पर हो उन्हें प्रोटीन की मात्रा में वृद्धि की आवश्यकता होती हैं। (0 – 1.2 gm/kg body wt/day) इस प्रतिक्रिया के दौरान जो प्रोटीन का नुकसानदय हो सकता है। उसकी भरपाई करने के लिए ये आवश्यक आहार है।
  • कार्बोहाइड्रेट पूरी मात्रा में (35-40 कैलोरी / किलोग्राम शरीर के वजन के बराबर प्रतिदिन) की सलाह दी जाती है। घी, तेल, मक्खन और चर्बीवाले आहार कम मात्रा में लेने कि सलाह दी जाती है।
  • विटामिन्स की आपूर्ति करें और पर्याप्त मात्रा में आवश्यक तत्वों की पूर्ति करें। उच्च मात्रा का फाइबर आहार लेने की सलाह भी दी जाती हैं।

किडनी रोगियों के लिए आहार

कैलोरीज

दिन भर में 7-10 serving कार्बोहाइड्रेट्स ले सकते हैं। 1 serving- 1 स्लाइस ब्रेड, 1/2 कप चावल या 1/2  कप पास्ता के बराबर होती है।

प्रोटीन

1gm प्रोटीन/kg मरीज के वजन के हिसाब से लिया जा सकता है। नॉनवेज खानेवाले 1 अंडा, 30gm मछली, 30gm चिकन और वेज लोगों के लिए 30gm पनीर, 1 कप दूध, 30gm  दाल और 30gm टोफू रोजाना खाने में ले सकते हैं।

विटामिन

पूरे दिन में आप 1 कटोरी सब्जी और 2 फल खाएं।

फास्फोरस

फास्फोरस से भरपूर चीज जैसे की मीट, मधली, अंडा, दूध, दूध से बनी चीजें, बीन्स, नट्स आदि को सीमित मात्रा में लें।

सोडियम

दिन भर में 1/4 छोटे चम्मच से ज्यादा नमक न लें। खाने के स्वाद बढाने के लिए नींबू, इलाइची, तुलसी आदि का इस्तेमाल करें। पैकेट बंद चीजें जैसे कि आचार, सॉस चीज़, नमकीन, चिप्स आदि न खाएं।

पोटैशियम

फल, सब्जियां, दूध, दही, अंडा, मीट, मछली में पोटैशियम की मात्रा काफी होती है। इसकी ज्यादा मात्रा से किडनी पर बुरा असर पड़ता है। इसके लिए किशमिश, केला, अनार, संतरा, पपीता, भिंडी, पालक, मटर, टमाटर, न लें। पाइनएप्पल, अंगूर, सेब, तरबूज, गोभी, गाजर, खीरा, मूली खाना में ले सकते हैं।

कैल्शियम

किडनी रोग के लिए आहार योजना में दूध, पनीर, दही, टोफू, फल और सब्जियां सही मात्रा में ले। ज्यादा कैल्शियम लेने से किडनी में पछरी हो सकती है। किडनी के मरीज बेहद खास ध्यान रखाने – पीने का।

तरल चीजें

जब किडनी खराब होना शुरू ही होती है तब हम सामान्य मात्रा में तरल चीजें ली जा सकती है, लेकिन जब किडनी काम करना कम कर दे तो लिक्विड डाइट का ध्यान रखना चाहिए। जूस, सोड़ा, शराब आदि न पिएं। किडनी की हालत देखते हुए पूरे दिन में 5-7 कप तरल चीजें ले सकते हैं।

फैट, वसा

खाना बनाने के लए ओलिव ऑयल या वेजिटेबल ऑयल का इस्तेमाल करें। तली – भुनी चीजें ना खाए। स्किम्ड दूध ही पिएं।

आयुर्वेदिक उपचार

किडनी उपचार केंद्र कर्मा आयुर्वेदा नई दिल्ली के प्रसिद्ध आयुर्वेदिक उपचार केंद्रो में से एक हैं। साथ ही डॉ. पुनीत धवन इसके नेतृत्व में हैं। जो किडनी रोगियों का इलाज करते हैं। किडनी को ठीक करने के लिए मरीजों के लिए एक उचित डाइट चार्ट भी दिया जाता है। इन आयुर्वेदिक दवा से आप डायलिसिस और किडनी प्रत्यारोपण से मुक्त रह सकते हैं।