हमारे लिए भोजन करना अति आवश्यक है। जीव न केवल जीवित रहने के लिए बल्कि स्वस्थ और सक्रिय जीवन बिताने के लिए भोजन करते हैं। भोजन में अनेक पोषक तत्व होते हैं जो शरीर का विकास करते हैं, उसे स्वस्थ रखते हैं और शक्ति प्रदान करते हैं। भोजन में पाए जाने वाले आवश्यक तत्व हैं – कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा और तेल, विटामिन और खनिज। इसके अतिरिक्त भोजन में सभी पोषक तत्व होने चाहिए ; अर्थात् मांसपेशियों और उत्तकों को सबल बनाने के लिए प्रोटीन, ऊर्जा या शक्ति प्रदान करने के लिए कार्बोहाइड्रेट और वसा, मजबूत हडि्डयों और रक्त के विकास के लिए खनिज लवण और स्वस्थ जीवन एवं शारीरिक विकास के लिए विटामिन।

शरीर में विभिन्न पोषक तत्वों- कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन और खनिज की आवश्यकता मनुष्य की आयु, लिंग, शारीरिक श्रम और शरीर की दशा पर निर्भर करती है। लेकिन गलत भोजन करना हमारे लिए हानिकारक होता है। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए हमें हमेशा संतुलित भोजन ही करना चाहिए। यदि हम गलत भोजन करते है तो इसका सीधा असर हमारे शरीर के कई अंगों पर पड़ता है।

गलत भोजन का सीधा असर हमारी किडनी पर पड़ता है। जो जानलेवा है। नियमित रूप से गलत भोजन करने से हमारी किडनी ख़राब हो जाती है। आपको पता है की किडनी हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है। जिसके बिना शरीर का कोई भी अंग ठीक से काम नहीं कर सकता। किडनी हमारे शरीर में संतुलन बनाएं रखने का काम करती है। जिसके कारण ही हमारा शरीर ठीक से अपना काम करता है।

यदि हमें अपनी किडनी को स्वस्थ रखना है तो हमें भोजन में कुछ निम्नलिखित बदलाव करने की जरुरत है। जिसकी मदद से हम अपनी किडनी को स्वस्थ रख सकते है।

कोल्ड ड्रिंक्स

गर्मियों के आते ही सभी लोगो को हर समय कुछ ठंडा खानेपीने की इच्छा रहती है। इस इच्छा को शांत करने के लिए सबसे पहले हमारे दिमाग में “कोल्ड ड्रिंक्स” पिने की इच्छा होती है। इसके सेवन से हमारे शरीर में तुरंत एक ताज़गी सी आ जाती है। हम सभी इस बात से वाकिफ है की कोल्ड ड्रिंक्स हमारे शरीर के लिए हानिकारक होती है। बावजूद इसके हम इसका जी भर के सेवन करते है। आपको बता दें की कोल्ड सॉफ्ट ड्रिंक्स यानि कोल्ड ड्रिंक्स में भारी मात्रा में एसिडि तो होता है साथ में इसमें फॉस्फोरस युक्त एडिटिव्स की उच्च मात्रा भी ज्यादा होती है। शरीर फॉस्फोरस को जल्दी और आसानी से अवशोषित कर लेता है, जो किडनी के लिए हानिकारक है। बता दें की अधिक मात्रा में फॉस्फोरस के सेवन से कब्ज, उल्टी और दस्त जैसी समस्याओं का कारण भी बनता है।

केन्ड फूड्स

बदलते समय के के साथ आजकल लोग केन्ड फूड्स यानि डिब्बा बंद खाने की ओर ज्यादा रुख कर रहे है। यह भोजन हमारे शरीर के लिए बहुत ही हानिकारक होता है। क्यूनि इसमें प्रीसर्वेटिव के रूप में हाई सोडियम होता है, जो किडनी को खराब करने का काम करता है। प्रीसर्वेटिव डिब्बा बंद खाने को जल्द ख़राब होने से बचाता है।

साबुत गेहूं की ब्रेड (Whole Wheat Bread)

अक्सर लोग सुबह के नाश्ते में ब्रेड खाना पसंद करते है। हमारे पास कई प्रकार की ब्रेड्स उपलब्ध है। हमारे पास डबल रोटी यानि ब्रेड्स की किस्मों की एक लम्बी श्रंखला है। कुछ लोग सुबह साबुत गेंहू की ब्रेड यानि “Whole Wheat Bread” खाना पसंद करते हैं क्योंकि उन्हें यह हेल्दी लगती है। लेकिन यह शरीर के लिए बिलकुल भी स्वास्तवर्धक नहीं है। क्यूंकि इसमें पोटेशियम और फॉस्फोरस की मात्रा अधिक होती है, जो किडनी के लिए सही नहीं है। वहीं अगर आपको किडनी से जुड़ी कोई समस्या है तब तो बिल्कुल भी इसका सेवन ना करें।

केला

केला खाना सेहत के लिए फायदेमंद होता है। जो लोग कसरत (GYM) करते है उनके लिए केला बहुत जरूरी होता। साथ ही बढ़ते बच्चों, जो खास कर कमजोर हो उनके लिए भी यह फायदेमंद होता है। लेकिन इसका अधिक सेवन भी किडनी को नुकसान पहुंचाता है। असल में, केले में 420 मिलीग्राम पोटेशियम होता है, जो किडनी के लिए खतरा पैदा करता है। अगर आप किडनी की किसी समस्या से पीड़ित है तो इसका सेवन बिल्कुल ना करें।

संतरा

संतरा खाना भला किसे पसंद नहीं होगा। हम संतरे का इस्तेमाल कई रूपों में करते है। संतरे का प्रयोग जूस, कैंडी, आइस-क्रीम के साथ-साथ सौंदर्य में भी इसका खासा प्रयोग किया जाता है। आपको बता दें की संतरे में ना सिर्फ विटामिन सी बल्कि पोटेशियम भी काफी मात्रा में होता है। एक बड़े संतरे में 330Mg 1 गिलास संतरे के जूस में 470Mg पोटेशियम होता है, जो किडनी की हेल्थ को नुकसान पहुंचाता है।


मांसाहार

मांसाहार हमारे शरीर के लिए काफी अच्छा होता है। इससे हमें प्रोटीन की एक अच्छी खासी मात्रा मिल जाती है। लेकिन मासांहार का ज्यादा सेवन हमारी किडनी के लिए नुकसान देह साबित हो सकता है। नियमित रूप से मीट खाने से आपके शरीर में सोडियम का स्तर बढ़ सकता है, जो किडनी फेल तक का कारण बन सकता है। इसे पचने के लिए हमारे किडनी को जरुरत से ज्यादा काम भी करना पड़ता है।

नमक की मात्रा अधिक लेना

शरीर को ठीक से काम करने के लिए नमक या सोडियम की जरूरत होती है।लेकिन कुछ लोग बहुत ज्यादा नमक खाते हैं जिससे ब्लड-प्रैशर बढ़ जाता है और उसका सीधा असर हमारी किडनी पर होता है। रोज हमें अपनी डाइट में 5 ग्राम नमक से अधिक नहीं लेना चाहिए। अधिक मात्रा में नमक का सेवन करना हमारी किडनी पर बुरा असर डालता है। इसके कारण हमारी किडनी फेल भी हो सकती है।

मीठे का सेवन

भारत में सभी लोग मीठे के शौकीन है। हम लोग सुबह से लेकर रात तक कई बार मीठे का सेवन करते है। जैसे सुबह-सुबह चाय से और उसके बाद मिठाइयों के रूप में और जूस आदि के रूप में भी। मीठा हमारे शरीर के लिए बहुत जरुरी होता है। क्यूंकि इससे हमारे शरीर को ताकत मिलती है। लेकिन अधिक मात्रा में मीठे का सेवन जानलेवा होता है। साथ ही जीवनभर चलने वाली बीमारी यानि “मधुमेह” को भी निमंत्रण देता है। एक बार मधुमेह होने के बाद इससे बच पाना नामुनकिन है। हाँ, लेकिन इस पर नियंत्रण जरूर पाया जा सकता है। मधुमेह के कारण हमारे शरीर में और भी कई प्रकार की बीमारिया होना शुरू हो जाती है। जैसे रक्तचाप में अधिक मात्रा में उतार-चढाव का होना, चककर आना, मोटापा बढ़ना आदि। लेकिन इसके कारण होने वाली सबसे ज्यादा जानलेवा बीमारी है “किडनी ख़राब होना” यानि किडनी फेल्योर।

 

किडनी फेल्योर के अन्य मुख्य कारण :-

उपरोक्त बताएं गए कारणों के अलावा हमारी किडनी और भी कई कारणों से ख़राब हो जाती है। जिसपर हमने ठीक समय पर नियंत्रण नहीं किया तो यह हमारे लिए काफी महंगा पड़ सकता है। किडनी फेल्योर के अन्य मुख्य कारण निम्नलिखित है-

  • भरपूर पानी न पीना
  • प्रोटीन अधिक मात्रा में लेना
  • काफी पीने की आदत
  • पेनकिलर दवाओं का अधिक सेवन
  • शराब का सेवन
  • बाथरूम रोककर रखना
  • भरपूर नींद ना लेना

किडनी फेल्योर के लक्षण :-

किडनी की महत्ता से हम सभी वाकिफ है। इसे स्वस्थ रखने के लिए हमें हर संभव कोशिश करनी चाहिए। ऊपर बताएं गए कारणों के चलते हमारी किडनी ख़राब हो जाती है। आपको बता दें की किडनी ख़राब होनी जानकारी हमें उस समय मिलती है जब वह पूरी तरह से ख़राब हो चुकी होती है। कारण इसका धीरे-धीरे से ख़राब होना।

हमारी किडनी धीरे-धीरे ख़राब होती है। लेकिन यह ख़राब होते समय हमें कई प्रकार के संकेत देती है। जिसे हम किडनी फेल्योर के संकेत या लक्षण कहते है। किडनी फेल्योर के लक्षण निम्नलिख है-

  • शरीर में सूजन
  • थकावट और कमजोरी महसूस होना
  • गर्मी में भी ठंड लगना
  • मुंह से बदबू आना
  • मुंह का स्वाद खराब होना
  • सांस लेने में परेशानी
  • ब्लड प्रेशर का बढ़ना
  • सूखी त्वचा और खुजली होना

किडनी फेल्योर का आयुर्वेदिक उपचार :-

यदि आप भी ऊपर बातें गए किन्ही लक्षणों से लंबे समय से जूझ रहे है तो इसे अनदेखा ना करे यह आपके लिए जानलेवा साबित हो सकता है।  उपरोक्त लिखित लक्षणों की पहचान होने पर तुरंत “कर्मा आयुर्वेदा” से सम्पर्क करे। आज के समय में “कर्मा आयुर्वेदा” प्राचीन आयुर्वेद के जरिए  “किडनी फेल्योर” जैसी गंभीर बीमारी का सफल इलाज कर रहा है।

 

वर्ष 1937 में धवन परिवार द्वारा कर्मा आयुर्वेद की स्थापना की गयी थी। वर्तमान समय में डॉ.  पुनीत धवन कर्मा आयुर्वेद को संभाल रहे है। आज के समय में आपको अनेक आयुर्वेदिक उपचार केंद्र मिल जाएंगे, लेकिन कर्मा आयुर्वेद किडनी सम्बंधित रोग को ठीक करने को लेकर रामबाण साबित हुआ है। कर्मा आयुर्वेदा काफी लंबे समय से किडनी की बीमारी से लोगो को मुक्त कर रहा है।

अब उत्तर प्रदेश के खीरी में कर्मा आयुर्वेदा द्वारा किडनी फेल्योर का आयुर्वेदिक उपचार किया जा रहा है।  डॉ. पुनीत धवन ने  केवल भारत में ही नहीं बल्कि विश्वभर में किडनी की बीमारी से ग्रस्त रोगियों का इलाज आयुर्वेद द्वारा किया है। आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता हैं। जिससे हमारे शरीर में कोई साइड इफेक्ट नहीं होता हैं।