देशभर में इस समय सफाई पर काफी ध्यान दिया जा रहा है। भारत सरकार द्वारा बड़े स्तर पर सफाई अभियान भी चलाया जा रहा है। इस अभियान के सार्वजानिक शौचालयों की सफाई पर भी काफी जोर दिया जा रहा है। सार्वजानिक शौचालयों की स्थिति को लेकर सभी लोग वाकिफ है । लोग बहार जाकर अक्सर इनका प्रयोग करने से कतराते है।

सफाई ना होने के कारण लोग सार्वजानिक शौचालयों के इस्तेमाल करने से परहेज करते हैं, जिसके चलते वो काफी देर तक यूरिन को रोककर रखते हैं। धीरे-धीरे उनकी यह आदत बन जाती है। जिसका बुरा असर हमारे शरीर पर पड़ना शुरू हो जाता है। अगर आप भी ऐसा ही करते है तो सतर्क हो जाएं। ऐसा करने से आपकी किडनी ख़राब भी हो सकती है।

बहरहाल, अगर आपके पेट के बायीं या दायीं तरफ असहनीय दर्द हो तो इसे हल्के में न लें, क्योंकि यह किडनी में परेशानी का संकेत हो सकता है। इसके अलावा यूरिन से जुडी तकलीफें भी आपकी किडनी की खराब सेहत की ओर इशारा करती हैं। यदि आप भी अपने अन्दर ऐसी भी कुछ समस्या को महसूस करते है तो सावधान हो जाइये।

किडनी फेल्योर के लक्षण :-

ज्यादा समय तक यूरिन रोकने के अलावा किडनी ख़राब होने के और भी ने कारण होते है । जो निम्नलिखित है –

  • थकान और कमजोरी
  • बार-बार पेशाब लगना
  • पीठ में नीचे की तरफ दर्द
  • भूख न लगना
  • पेशाब करते वक्त दर्द
  • सूजन (खासकर चेहरे और पैरों में)
  • उल्टी और उबकाई आना
  • खुजली और पूरे शरीर पर रैशेज

 

यदि आप उपरोक्त लिखे लक्षणों से जूझ रहे हैं, तो तुरंत कर्मा आयुर्वेद से सम्पर्क करना चाहिए। किडनी ख़राब होने से संबंधित को भी लक्षण महसूस होने पर इन्हें अनदेखा ना करे। अच्छे स्वास्थ्य में शरीर के सभी अंगों को सुचारू संचालन बेहद जरूरी हैं। किडनी हमारे शरीर में दिन रात काम करती हैं और हमें स्वस्थ रखती हैं। इसलिए दिए इन लक्षणों के अनदेखा न करें। यदि आप इन लक्षणों को नज़रअंदाज़ करते है तो एक दिन आप किसी बड़ी बीमारी की गिरफ्त में आ सकते है।

कर्मा आयुर्वेद द्वारा किडनी फेल्योर का आयुर्वेदिक उपचार :-

आयुर्वेदिक उपचार सबसे बेहतर इसलिए है क्योंकि इसमें केमिकल का प्रयोग नहीं होता बल्कि प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। कर्मा आयुर्वेद में आयुर्वेद के जरिये किडनी से जुडी हर बीमारी का इलाज कर सकते है। आज के समय में “कर्मा आयुर्वेदा” प्राचीन आयुर्वेद के जरिए  “किडनी फेल्योर” जैसी गंभीर बीमारी का सफल इलाज कर रहा है।  वर्ष 1937 में धवन परिवार द्वारा कर्मा आयुर्वेद की स्थापना की गयी थी। वर्तमान समय में डॉ. पुनीत धवन कर्मा आयुर्वेदा को संभाल रहे है। आज के समय में आपको अनेक आयुर्वेदिक उपचार केंद्र मिल जाएंगे, लेकिन कर्मा आयुर्वेदा किडनी सम्बंधित रोग को ठीक करने को लेकर रामबाण साबित हुआ है। कर्मा आयुर्वेदा काफी लंबे समय से किडनी की बीमारी से लोगो को मुक्त कर रहा है।

आयुर्वेद बीमारी को जड़ से ख़त्म करता है। आयुर्वेद भले ही अपना असर धीरे – धीरे दिखाए लेकिन यह अंग्रेजी दवाइयों की तरह शरीर पर कोई अन्य प्रभाव नहीं छोड़ता। क्यूंकि आयुर्वेदिक दवाओं में कोई कैमिकल नहीं होता, जिसके चलते यह हमारे शरीरपर कोई दुष्प्रभाव नहीं छोड़ता। अब देवरिया में भी किडनी फेल्योर का आयुर्वेदिक उपचार किया जा रहा है । डॉ. पुनीत धवन ने  केवल भारत में ही नहीं बल्कि विश्वभर में किडनी की बीमारी से ग्रस्त मरीजों का इलाज आयुर्वेद द्वारा किया है। आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता हैं। जिससे हमारे शरीर में कोई साइड इफेक्ट नहीं होता हैं।