एक्यूट किडनी फेल्योर का आयुर्वेदिक उपचार, कर्मा आयुर्वेदा – डॉ. पुनीत धवन

मानव शरीर में 2 किडनियां होती है और दोनों ही किडनियां अपना काम सही तरह से करती है| जब संपूर्ण रूप से कार्य करने वाली दोनों किडनियां किसी कारणवश काम करना कम कर दे या अचानक से काम करना पूरी तरह बंद कर दे, तो किडनी खराबी की ऐसी स्थिति को एक्यूट किडनी फेल्योर कहते है| एक्यूट किडनी फेल्योर को एक्यूट किडनी इंजुरी भी कहा जाता है| एक्यूट किडनी फेल्योर किडनी खराबी की ऐसी स्थति है जिसमें किडनी अचानक से खराब हो जाती है और सही उपचार मिलने पर यह जल्दी ठीक भी हो जाती है|

एक्यूट किडनी फेल्योर होने के कारण:

  • बहुत ज्यादा दस्त और उल्टी होने के कारण शरीर में पानी की मात्रा कम हो जाती जिसके कारण खून में दबाव भी कम हो जाता है|
  • गंभीर संक्रमण, गंभीर बीमारी या एक बड़ी सर्जरी के बाद किडनी में खराबी होने की संभावना हो जाती है|
  • पथरी के कारण मूत्रमार्ग में रुकावट आ जाती है जो एक्यूट किडनी फेल्योर का कारण बन सकता है|
  • G6PD Deficiency का होना, इस रोग में खून के रक्तकण तब टूटने लगते जब आप अनावश्यक दवाओं का सेवन करते हैं और इससे किडनी अचानक फेल हो सकती है|

इसके अलावा फेल्सीफेरम मलेरिया और लैप्टोस्पाइरोसिस, खून में गंभीर संक्रमण, किडनी में गंभीर संक्रमण, किडनी में सूजन, ज्यादा खून का बह जाना, दवा का विपरीत असर, मासपेशियों पर अधिक दबाव से शरीर में जहरीले पदार्थों का अधिक हो जाना जिससे किडनी पर गंभीर असर हो सकता है और यह एक्यूट किडनी फेल्योर का कारण बन सकता है|

 

एक्यूट किडनी फेल्योर के लक्षण:

एक्यूट किडनी फेल्योर में किडनी की कार्यक्षमता में अचानक रुकावट हो सकती है जिससे शरीर में अपशिष्ट उत्पादकों का तेजी से संचय होने लगता है और इसमें पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स के संतुलन में गड़बड़ी हो जाती है| इन सभी कारणों से रोगी में किडनी खराबी के लक्षण भी तेजी से नज़र आते हैं| किसी भी रोगी को यह लक्षण कम या ज्यादा दिख सकते हैं:

  • भूख कम लगना, जी मिचलाना, उल्टी होना या हिचकी आना।
  • एक्यूट किडनी फेल्योर में दोनों किडनियों की कार्यक्षमता अचानक से कम या पूरी तरह बंद हो सकती है|
  • पेशाब में कमी होना या पेशाब पूरी तरह बंद हो जाना किडनी में खराबी के लक्षण को दर्शाता है|
  • चेहरे, पैर और शरीर में सूजन होना, साँस फूलना, ब्लडप्रेशर का बढ़ जाना, खून की कमी, तेज बुखार आदि किडनी फेल्योर के लक्षण हो सकते हैं|
  • उच्च रक्त्चाप से सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द, शरीर में ऐंठन या झटके, खून की उलटी और असामान्य दिल की धड़कन एवं कोमा जैसे गंभीर और जानलेवा लक्षण दिखाई दे सकते हैं|
  • कुछ रोगियों में किडनी फेल्योर के प्रारंभिक चरण में किसी भी प्रकार के कोई लक्षण दिखाई नहीं देते, कई बार इस बीमारी का पता संयोग से चलता है जब आप किसी अन्य समस्या के लिए रक्त की जांच करवाते हैं|
  • कमजोरी महसूस होना, अनिद्रा होना, स्मरणशक्ति कम हो जाना, इत्यादि लक्षण भी एक्यूट किडनी फेल्योर के हो सकते हैं|
  • खून में पोटैशियम की मात्रा में वृध्दि होना (जिसके कारण अचानक हृदय की गति बंद हो सकती है) यह भी एक्यूट किडनी फेल्योर की वजह हो सकती है|

एक्यूट किडनी फेल्योर की समस्या का निदान:

जब किसी रोग की वजह से किडनी खराब होने का अंदेशा हो और मरीज में दिखाई देने वाले लक्षणों की वजह से किडनी फेल्योर होने की संभावना में बढ़ावा मिले तो बिना समय खराब किये तुरंत खून की जांच करवानी चाहिए| जी हां, खून में क्रिएटिनिन और यूरिया की अधिक मात्रा से ही किडनी फेल्योर के बारें में पता चलता है| पेशाब तथा खून की जांच, सोनोग्राफी की जाँच से एक्यूट किडनी फेल्योर का निदान होता है|

एक्यूट किडनी फेल्योर की रोकथाम:

एक्यूट किडनी फेल्योर के कारणों की शीघ्रता से जाँच व उपचार करवाना चाहिए| ऐसे मरीजों में किडनी की कार्यक्षमता में गिरावट के कारणों की लगातार जाँच करके उसका उपचार शुरू किया जाता है| ब्लडप्रेशर को कम होने से रोकना और इसका शीघ्र उपचार करना ही इसकी सबसे बड़ी रोकथाम माना गया है| किडनी को नुकसान पहुँचाने वाली दवाओं को न लेना और पेशाब में संक्रमण को अनदेखा ना करते हुए उसका तुरंत इलाज़ एक्यूट किडनी फेल्योर जैसी गंभीर समस्या को रोक सकता है| किडनी खराबी के लक्षणों को नज़रअंदाज ना करते हुए तुरंत निदान और उपचार से एक्यूट किडनी फेल्योर से बचा जा सकता है|

एक्यूट किडनी फेल्योर के उपचार:

एक्यूट किडनी फेल्योर का उपचार मरीजों में दिखाई देने वाले लक्षण और कारण पर निर्भर होता है| जैसा कि एक्यूट किडनी फेल्योर में किडनी अचानक से काम करना बंद कर देती है, तो इसके लिए जरुरी है कि मरीज़ को तुरंत उचित उपचार दिया जाए, क्योंकि सही उपचार न मिलना मरीज़ के लिए जानलेवा हो सकता है|

एक्यूट किडनी फेल्योर के निम्न उपचार:

  • किडनी खराब होने के लिये जिम्मेदार रोग का उपचार
  • खाने पीने में परहेज
  • आयुर्वेदिक उपचार