किडनी फेल होने का लोगों को पता नहीं चल पता है, क्योंकि बची हुई दूसरी किडनी के सहारे सामान्य जीवन जिया जा सकता है। इसके लक्षण दोनों किडनी के फेल होने पर ही दिखाई देते है। ऐसे में शरीर में सूजन, उल्टी, कमजोरी व कम यूरिन जैसी समस्याएं पैदा होने लगती है। इस स्थिति में डॉक्टर किडनी प्रत्यारोपण की सलाह देते हैं और जब तक प्रत्यारोपण नहीं होता तब तक डायलिसिस ही मरीज के जीवित रहने का विकल्प हैं। आयुर्वेद में पंचगव्य और प्राकृतिक चिकित्सा के मिले-जुले इलाज से किडनी को फिर से सक्रिय बनाया जा सकता हैं। “किडनी फेल्योर ट्रीटमेंट आयुर्वेदिक डॉक्टर”

किडनी फेल्योर और आयुर्वेदिक उपचार

किडनी खराब होने पर मरीजों को डायलिसिस पर जाना पड़ता है जबकी आयुर्वेद में ऐसी दवां मौजूद हैं जो न सिर्फ किडनी के मरीजों को डायलिसिस पर जाने से बचाती है बल्कि डायलिसिस से हमेशा के लिए छुटकारा भी दिला देती है। जी हां, एक रिसर्च के मुताबिक, आयुर्वेद के ऐसे फार्मूलों का जिक्र किया गया हैं। जो पांच जड़ी-बूटियों से बनी दवा होती हैं गोखरू, वरुण, पत्थरपूरा, पाषाणभेद तथा पुनर्नवा से बनी दवा। पुनर्नवा गुर्दे की क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को फिर से पुनर्जीवित करने में कारगर होता है। इसलिए आजकल किडनी रोग के लिए आयुर्वेदिक दवाओं का उपयोग किया जा रहा है। “किडनी फेल्योर ट्रीटमेंट आयुर्वेदिक डॉक्टर”

किडनी फेल्योर के आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट, कर्मा आयुर्वेदा डॉ. पुनीत धवन

किडनी के इलाज के साथ-साथ ही एक स्वस्थ लाइफ स्टाइल भी होना आवश्यक हैं। किडनी रोगियों को अपनी डाइट का खास ध्यान रखना चाहिए। जिससें स्वस्थ का एकमात्र उद्देश्य शरीर में मिनरल और तरल पदार्थ को संतुलित करता हैं। एक स्पेशल डाइट शरीर में खराब प्रोडक्ट के निर्माण को सीमित कर सकता हैं। साथ ही कुछ ऐसे ही बेहतरीन फूड होते हैं जिन्हें रोज़ खाने में शामिल करना चाहिए। “किडनी फेल्योर ट्रीटमेंट आयुर्वेदिक डॉक्टर”

किडनी की सभी समस्या को जानने के लिए आप किडनी ट्रीटमेंट इन इंडिया, कर्मा आयुर्वेदा, डॉ. पुनीत धवन से संपर्क कर सकते हैं। कर्मा आयुर्वेदा 1937 के बाद से किडनी रोगियों का इलाज कर रहे हैं। कर्मा आयुर्वेद अस्पताल ने देश-विदेश में अपना एक मुकाम हासिल कर लिया है। साथ ही यहां सभी तरह की किडनी रोग का प्राकृतिक इलाज के साथ दूर किया जाता हैं। “किडनी फेल्योर ट्रीटमेंट आयुर्वेदिक डॉक्टर”