किडनी फेल्योर

शरीर में किडनी का मुख्य कार्य शुद्धिकरण का होता हैं, लेकिन जब शरीर में किसी रोग की वजह से जब दोनों किडनी अपना सामान्य कार्य करने में अक्षम हो जाते हैं तो इस स्थिति को हम किडनी फेल्योर कहते हैं। “कौन सा क्रिएटिनिन लेवल किडनी फेल्योर का संकेत देता है?”

क्रिएटिनिन क्या है?

क्रिएटिनिन का बड़ा हुआ लेवल किडनी संबंधित बीमारी या समस्याओं की ओर इशारा करता है। क्रिएटिनिन, प्रत्येक व्यक्ति के रक्त में पाया जाने वाला एक रद्दी उत्पाद (waste product) होता है। सामान्य स्थिति में आपकी किडनी को इसे छानकर आपके शरीर से बाहर निकाल देना चाहिए, लेकिन कुछ स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं किडनी के इस कार्य में बाधा पंहुचाती हैं। जिसके कारण क्रिएटिनिन बाहर नहीं निकल पाता है और रक्त में इसका स्तर बड़ने लगता हैं। साथ ही ऐसे बहुत से तरीके है जो कि आहार में परिवर्तन, जीवन शैली में कुछ बदलाव, दवा लेना और मेडिकल थेरैपी में भाग लेना, जिनसे आप बढ़े हुए क्रिएटिनिन लेवल को घटा सकते हैं। “कौन सा क्रिएटिनिन लेवल किडनी फेल्योर का संकेत देता है?”

बता दें कि, किसी भी वयस्क पुरुष के रक्त में क्रिएटिनिन का सामान्य स्तर लगभग 0.6 से 1.2 मिलीग्राम प्रति लिटर (डीएल) होता है। क्रिएटिनिन और क्रिएटिन क्लियरेंस टेस्ट से रक्त और पेशाब में क्रिएटिनिन नामक इस अनुपयोगी पदार्थ के स्तर की जांच की जाती हैं। इन दोनों परिक्षणों की मदद से किडनी के ठीक प्रकार से काम करने या कोई समस्या होने आदि की जानकारी मिलती है। किडनी के खराब होने की स्थिति में क्रिएटिनिन की मात्रा पेशाब में कम और रक्त अधिक हो जाती है। “कौन सा क्रिएटिनिन लेवल किडनी फेल्योर का संकेत देता है?

क्रिएटिनिन का स्तर

ब्लड क्रिएटिनिन का स्तर बताता हैं कि, आपकी किडनी कितनी अच्छी तरह से कार्य कर रही हैं। साथ ही उच्च स्तर का अर्थ है कि आपकी किडनी उस तरह से कार्य नहीं कर रहीं हैं, जैसे उन्हें करना चाहिए। खून में क्रिएटिनिन की मात्रा आंशिक रूप से आप के शरीर में उपस्थित पेशीय उत्तको या मसल टिश्यू पर निर्भर करती हैं। पुरुषों में महिलाओं की तुलना में क्रिएटिनिन स्तर अधिक होते हैं। “कौन सा क्रिएटिनिन लेवल किडनी फेल्योर का संकेत देता है?”

  • पुरुषों मे 6–1.2 mg/dL
  • महिलाओं में: 5–1.1 mg/dL
  • किशोरों में: 5–1.0 mg/dL
  • बच्चों में: 3–0.7 mg/dL

हाई क्रिएटिनिन रक्त स्तर निम्न कारण:

  • गंभीर रूप से किडनियों की खराबी या क्रोनिक किडनी के रोग। किडनी के जीवन के लिए घातक खराबी संक्रमण, मानसिक झटके, कैंसर या किडनियों में रक्त के कम बहाव के कारण हो सकती है।
  • शरीर में पानी की कमी होना। “डायलिसिस पेशेंट के लिए आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट ”
  • मांसपेशी की चोट या ऐसी स्थिति होना, जिसमें क्रश चोट, जलना, मांसपेशियों में दुर्वीकास, मांसपेशियों में गंभीर चोट, पॉलीमायोसिटिस और अधिकता में किसी गया व्यायाम जैसे कारण शामिल हैं।

वैसे मानसिक तौर पर आघात, रक्तचाप कम होने घातक रक्त स्त्राव और घातक इंफेक्शन भी इसके बड़े कारण हैं। “कौन सा क्रिएटिनिन लेवल किडनी फेल्योर का संकेत देता है?”

क्रिएटिनिन के लक्षण:

किडनी रोग के प्रारंभिक दौर में लक्षण व संकेत दिखाई नहीं देते है। किडनी रोग तब तक स्पष्ट नहीं हो सकता हैं जब तक आपकी किडनी की कार्यप्रणाली कमजोर न हो जाए। किडनी रोग के धीमे प्रगतिशील लक्षण मस्तिष्क, थकान, कमजोरी, उल्टी, शोफ, पेशाब करते समय जलन, मांसपेशियों की ऐंठन, पेट में दर्द और सांस लेने में परेशानी, हाईपरटेंशन, त्वचा में खुजली आदि। कौन सा क्रिएटिनिन लेवल किडनी फेल्योर का संकेत देता है?”

आयुर्वेदिक उपचार

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