मरीज का नाम श्रीमती ज़ैतून है, जो कि बिजनौर की रहने वाली है। वह किडनी की बीमारी से जूझ रही थी और 20 साल से शुगर की समस्या से पीड़ित थी। हर जगह से इलाज करवाने के बाद भी रोगी में कोई सुधार देखने को न मिला। साथ ही 2 साल तक किडनी की बीमारी का एलोपैथी इलाज भी करवाया, लेकिन फिर भी क्रिएटिनिन लेवल लगातार बढ़ता चला गया।

आयुर्वेदिक इलाज के बाद –

रोगी ने कुछ ही महीने पहले कर्मा आयुर्वेदा से इलाज शुरू किया था और एक हफ्ते के अंदर ही रोगी में सुधार दिखना शुरू हो गया। पहले रोगी का क्रिएटिनिन लेवल – 4.6mg/dl था, लेकिन आयुर्वेदिक उपचार के बाद क्रिएटिनिन लेवल घटकर – 1.50mg/dl पर पहुंच गया है। इतना ही नहीं, यूरिया लेवल भी सामान्य पर आने लगा है। जहां रोगी 20 साल पुरानी शुगर की समस्या से परेशानी थी वहीं आयुर्वेदिक उपचार के बाद शुगर भी सामान्य पर है।

डायबिटीज किडनी डिजीज का आयुर्वेदिक उपचार –  

डायबिटीज के कारण आपकी किडनी डैमेज होने लग गई है या डायबिटीक नेफ्रोपैथी के लक्षण नजर आने लग गए हैं तो आपको तुरंत जांच करवानी चाहिए। डायबिटीक नेफ्रोपैथी के शुरूआती दौर में मरीज को कोई खास समस्या नहीं होती है, लेकिन कई बार किडनी के 80% से अधिक खराब होने पर इसके लक्षण नजर आने लगते हैं जैसे – पैरों में सूजन, थकावट महसूस होना, उल्टी होना, भूख न लगना आदि। इसलिए डायबिटीज के मरीजों को साल में कम से कम एक माइक्रल टेस्ट कराकर माइक्रो एल्बुमिनुरिया पॉजिटिव है या नहीं। बता दें कि, माइक्रल टेस्ट का पॉजिटिव होना यह बताता है कि, डायबिटीज का किडनी पर प्रभाव होना शुरू हो चुका है। अगर समय पर इसका इलाज न किया जाए तो आगे चलकर यह घातक रूप ले लेता है।

कर्मा आयुर्वेदा दिल्ली के बेस्ट किडनी फेल्योर आयुर्वेदिक उपचार केंद्रो में से एक है, जो सन् 1937 में धवन परिवार द्वारा दिल्ली में स्थापित किया गया था और आज इस अस्पताल का नेतृत्व डॉ. पुनीत धवन कर रहे हैं। डॉ. पुनीत धवन ने आयुर्वेद की मदद से 35 हजार से भी ज्यादा मरीजों का इलाज करके उन्हें रोग से मुक्त किया है, वो भी बिना किसी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के। साथ ही यहां आयुर्वेदिक दवाओं के साथ आहार चार्ट और योग का पालन करने सलाह भी दी जाती है। कर्मा आयुर्वेदा का नाम भारत के साथ-साथ एशिया के बेहतरीन आयुर्वेदिक उपचार केंद्रो में शामिल है।