रोगी का नाम राजेश (30 उम्र) है, जो कि वाराणसी (यूपी) के रहने वाले हैं। वह किडनी की बीमारी की गंभीर स्थिति से पीड़ित थे और दर्द भरे डायलिसिस प्रोटोकॉल का सामना कर रहे थे। साथ ही किडनी की बीमारी की जटिलताओं से जूझ रहे थे।

आयुर्वेदिक इलाज के बाद –

हर जगह से इलाज करवाने के बाद रोगी ने हार थक कर कर्मा आयुर्वेदा से इलाज शुरू किया। कर्मा आयुर्वेदा में आने से पहले उनका क्रिएटिनिन लेवल – 7.56mg/dl था और आयुर्वेदिक इलाज प्राप्त करने के बाद क्रिएटिनिन लेवल घटकर – 4.20mg/dl पर पहुंच गया है। साथ ही डायलिसिस की दर्द भरी प्रक्रिया से भी बाहर है और स्वास्थ्य लाभों में सुधार भी दिखने को मिला है।

विश्लेषण:

रिपोर्ट सबुत है कि, रोगी में किस प्रकार सुधार देखने को मिला और आयुर्वेद ने क्रिएटिनिन को किस प्रकार कम किया है। ऐसा सिर्फ और सिर्फ कर्मा आयुर्वेदा के आयुर्वेदिक उपचार द्वारा संभव हो पाया है।

किडनी की बीमारी को ठीक करने के लिए आयुर्वेदिक उपचार –

आयुर्वेदिक उपचार में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है जो कि किडनी रोग को जड़ से खत्म करने में मदद करता है। आयुर्वेद लगभग 5000 वर्ष पहले भारत की पवित्र भूमि में शुरू हुआ था। आयुर्वेद उपचार एक लंबे जीवन का विज्ञान है और दुनिया में स्वास्थ्य देखभाल की सबसे पुरानी प्रणाली है। प्राचीन काल से ही आयुर्वेद ने दुनिया भर की मानव जाति के संपूर्ण शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक का विकास किया है। आज आयुर्वेदिक उपचार की विभिन्न शाखाएं हैं। यह एक संपूर्ण प्राकृतिक प्रणाली है, जो आपके शरीर को सही संतुलन प्राप्त करने के लिए वात, पित्त और कफ को नियंत्रित करती है।

कर्मा आयुर्वेदा दिल्ली के बेस्ट किडनी उपचार केंद्रो में से एक है, जो सन् 1937 में धवन परिवार द्वारा दिल्ली में स्थापित किया गया था और आज इस अस्पताल का नेतृत्व डॉ. पुनीत धवन कर रहे है। डॉ. पुनीत धवन ने आयुर्वेद की मदद से 35 हजार से भी ज्यादा मरीजों का इलाज करके उन्हें रोग से मुक्त किया है, वो भी बिना किसी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के। साथ ही यहां आयुर्वेदिक दवाओं के साथ आहार चार्ट और योग का पालन करने सलाह दी जाती है। कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल भारत के साथ-साथ एशिया के भी बेहतरीन आयुर्वेदिक उपचार केंद्रो में आता है।