रोगी का नाम विलास एस पाटील (उम्र 33) है, जो कि कोल्हा (महाराष्ट्र) से आए हैं। वह किडनी की बीमारी की शुरूआती अवस्था से जूझ रहे थे। रोगी को अधिक प्रोटीन लीकेज की समस्या थी और क्रिएटिनिन लेवल भी लगातार बढ़ता जा रहा था। नेफ्रोलॉजिस्ट ने इलाज के बाद कहा था कि, क्रिएटिनिन लेवल कम नहीं होगा, लेकिन यहीं पर ही रूक जाएगा।

इलाज से पहले –

  • हाई प्रोटीन लोस
  • हाई क्रिएटिनिन लेवल
  • थकान होना
  • हाई ब्लड प्रेशर

आयुर्वेदिक इलाज के बाद –

रोगी को जब कर्मा आयुर्वेदा के बारे में पता चला तो, उन्होंने तुरंत ही दिल्ली आकर आयुर्वेदिक इलाज शुरू कर दिया। कर्मा आयुर्वेदा में आने से पहले रोगी विलास जी को हाई प्रोटीन लीकेज की समस्या थी। साथ ही उनका पहले क्रिएटिनिन लेवल – 1.78mg/dl था लेकिन आयुर्वेदिक इलाज प्राप्त करने के बाद क्रिएटिनिन लेवल घटकर – 1.28mg/dl पर पंहुच गया है। इसका मतलब यही है कि विलास जी की किडनी 40 प्रतिशत ठीक हो चुकी है। साथ ही रोगी को शारीरिक और स्वास्थय संबंधित सभी परेशानियों से मुक्त हैं और प्रोटीन लोस की समस्या भी खत्म हो गई है।

प्रोटीन की लीकेज की समस्या का आयुर्वेदिक उपचार –   

प्रोटीन सेहत के लिए बेहद जरूरी होता है। लेकिन प्रोटीन की अतिरिक्त खुराक लेने से कोई फायदा नहीं होता है। साथ ही कुछ लोग प्रोटीन के प्राकृतिक स्त्रोतों को नजरअंदाज कर इसके लिए दवाओं पर अपनी निर्भरता बढ़ाते है। आप प्रोटीन कब लें, कैसे लें, कितना लें और इसके साथ क्या सावधानी बरतें आदि का बहुत ध्यान रखना चाहिए। अधिकतर लोग मानते हैं कि ज्यादा मात्रा में प्रोटीन लेना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है और इससे वजन बढ़ना, किडनी की समस्याएं और डिहाइड्रेशन जैसी समस्याएं हो सकती है। साथ ही कुछ इसे बस एक मिथ मानते हैं। लेकिन यह किडनी पर बुरा प्रभाव डालता है।

एक रिसर्च के मुताबिक, रोज 0.8 ग्राम (प्रति किलो शरीर वजन) तक ही प्रोटीन लेना चाहिए। मसल मास बढ़ाने व सख्त व्यायाम करने वालों के लिए यह संख्या दोगुनी हो सकती है। लेकिन इससे अधिक प्रोटीन किडनी अतिरिक्त बोझ डालता है, जिससे किडनी खराब हो सकती है।

आजकल हर व्यक्ति बॉडी बिल्डिंग कर रहा है और जिम ट्रेनर उन्हें अधिक प्रोटीन सप्लीमेंट लेने की सलाह देते हैं। जिससे अधिक प्रोटीन लेने की वजह से प्रोटीन लीकेज की समस्या उत्पन्न होने लगती है और तब व्यक्ति की किडनी में भी खराबी आने लगती है। लेकिन इसका कोई सफल इलाज मौजूद नहीं हैं सिर्फ और सिर्फ कर्मा आयुर्वेदा एकमात्र आयुर्वेदिक किडनी उपचार केंद्र जहां किडनी की बीमारी से जूझ रहे मरीजों का जड़ से इलाज किया जाता है। बता दें कि, कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल सन् 1937 में धवन परिवार द्वारा स्थापित किया गया था और आज इसका संचालन डॉ. पुनीत धवन कर रहे हैं। डॉ. पुनीत धवन ने आयुर्वेद की मदद से 35 हजार से भी ज्यादा मरीजों का इलाज करके, उन्हें रोग से मुक्त किया है वो भी डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट के बिना। कर्मा आयुर्वेदा में आयुर्वेदिक उपचार के साथ आहार चार्ट और योग करने की सलाह दी जाती है जिससे रोगी में जल्दी ही सुधार देखने को मिले।