पेशेंट का नाम चम्पा बेगम है, जो कि ढाका (बांग्लादेश) की रहने वाली है। वह किडनी डिजीज की समस्या से जूझ रही थी। रोगी का क्रिएटिनिन लेवल धीरे-धीरे बढ़ता ही जा रहा था, जिसके चलते उनको डायलिसिस के लिए बोल दिया गया था। साथ ही उन्हें काफी दर्द और परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था जैसे –

  • थकान महसूस होना
  • चलने में तकलीफ
  • कुछ भी खाने का मन न करना

आयुर्वेदिक इलाज के बाद

रोगी ने सब जगह से इलाज करवाया था, लेकिन कोई सुधार देखने को न मिला। तब रोगी के परिवार वालो को यूट्यूब के माध्यम से कर्मा आयुर्वेदा के आयुर्वेदिक उपचार के बारे में पता चला और तुरंत ही रोगी का आयुर्वेदिक इलाज शुरू कर दिया। कर्मा आयुर्वेदा में आने पहले उनका क्रिएटिनिन लेवल – 6.5mg/dL था, लेकिन उपचार का अच्छे से पालन करने के बाद उनका क्रिएटिनिन लेवल घटकर – 3.6mg/dL पर पहुंच गया है। इसी के साथ उन्हें डायलिसिस प्रोटोकॉल से भी छुटकारा मिल गया है और सभी समस्याएं खत्म हो गई है वह काफी अच्छे से चलती-फिरती है, थकान न होना और खाना पीना अच्छे से लेना आदि।

किडनी डिजीज का करें आयुर्वेदिक उपचार

किडनी हमारे शरीर का एक अहम अंग है, अगर वह कम करना बंद कर दें तो हमारी जान का जोखिम हो सकता है। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी के कारण बहुत से व्यक्ति अपने लिए समय नहीं निकाल पाते हैं, जिस कारण वह बार-बार बीमार होते रहते हैं। यह एक तरह की चेतावनी होती है कि आने वाले समय में उन्हें कोई बड़ी बीमारी का सामना करना पड़ सकता है। एक इंसान के शरीर में जिस तरह 70% पानी होता है और उसे बनाए रखने के लिए इंसान को पूरे दिन में कम से कम 8 से 10 लीटर पानी पीना जरूरी होता है, जिससे हमारे शरीर में होने वाली प्रक्रिया सही से काम कर सकें। उसी प्रकार हमारे शरीर में सभी अंगों की एक खास विशेषता होती है लेकिन सबसे महत्वपूर्ण अंग किडनी है जो हमारे शरीर में खून की सफाई का कार्य करती है।

साथ ही किडनी हमारे शरीर में बनने वाले अपशिष्ट उत्पादों को पेशाब के जरिए बाहर निकालने में मदद करती है। अगर किसी व्यक्ति को किडनी की समस्या हो जाए, तो उस व्यक्ति का जीवन मानो संकट में आ जाता है, उसे बहुत-सी समस्याओं को झेलना पड़ता है। मरीज के परिवार को कई परेशानियों से गुजरना पड़ता है। किडनी से जुड़ी कई तरह की बीमारी हो सकती है जिसकी वजह से आपकी जान जाने का खतरा भी बन सकता है।

कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल की मदद से किडनी की बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है। कर्मा आयुर्वेदा सिर्फ और सिर्फ आयुर्वेदिक औषधि का ही इस्तेमाल करता है और आयुर्वेद पर ही विश्वास करता है। यह अस्पताल 1937 में धवन परिवार द्वारा स्थापित किया गया था और आज इसका नेतृत्व डॉ. पुनीत धवन कर रहे हैं। कर्मा आयुर्वेदा में 35 हजार से भी ज्यादा मरीजों का इलाज करके उन्हें किडनी के रोग से मुक्त किया है, वो भी किसी डायलिसिस या ट्रांसप्लांट के बिना। यहां किडनी रोगियों को आयुर्वेदिक दवाओं के साथ एक उचित आहार और योग करने की सलाह भी जाती है, जिससे रोगी में जल्दी ही सुधार देखने को मिल सके।