रोगी का नाम श्रीराम कुमार है, जो कि जिला औरंगाबाद (बिहार) के रहने वाले है। रोगी श्रीराम जी किडनी फेल्योर की गंभीर स्थिति से पीड़ित थे। रोगी की हालत इतनी गंभीर थी कि, उन्हें हफ्ते में दो बार डायलिसिस करवाना पड़ रहा था। इसकी के साथ रोगी अन्य समस्याओं से भी जूझ रहे थे जैसे –

  • बार-बार उल्टी होना
  • गैस की समस्या

आयुर्वेदिक उपचार के बाद

रोगी ने मात्र कुछ महीने पहले ही कर्मा आयुर्वेदा से आयुर्वेदिक इलाज शुरू किया था और आज वह बिल्कुल स्वस्थ महसूस कर रहे हैं। आयुर्वेदिक उपचार के बाद श्रीराम जी को दर्द भरे डायलिसिस से निजात मिली है और किडनी फेल्योर के अन्य लक्षणों में भी आराम देखने को मिला है।

  • उल्टी न होना
  • गैस समस्या बंद हुई

विश्लेषण:

कर्मा आयुर्वेदा ने एक बार फिर रोगी को दर्द भरे डायलिसिस से बाहर निकाला है। ऐसा सिर्फ आयुर्वेदिक दवाओं के साथ-साथ आहार चार्ट और योग का पालन करने से संभव हो पाया है।

कर्मा आयुर्वेदा से किडनी की आयुर्वेदिक इलाज

भारत में पिछले कुछ सालों में तेजी से हुए शारीरिक तथा बदलती जीवनशैली की वजह से हमारे खानपान में आए परिवर्तन फास्टूफड, शारीरिक तौर पर कमजोरी, जिंदगी में उत्पन्न तनाव डायबिटीज की महत्वपूर्ण वजह है। हाई ब्लड का बढ़ना, चेहरे पर सूजन, यूरिन में प्रोटीन या रक्त आ रहा है तो ध्यान रखें कि, ब्लड प्रेशर आपकी किडनी पर इस कदर प्रेशर बढ़ाता है कि, आपकी किडनी फेल हो सकती है।

आयुर्वेदिक उपचार किडनी के लिए सबसे अधिक फायदेमंद है। आयुर्वेद में इस्तेमाल की गई जड़ी-बूटियों से किसी भी तरह का कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है और किडनी फेल्योर को जड़ से खत्म करने में मदद करता है। आयुर्वेदिक उपचार में पुनर्नवा, शिरिष, गोखरू, कासनी और लाइसोरिस रूट आदि जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है।

दिल्ली के प्रसिद्ध आयुर्वेदिक उपचार केंद्र में से एक है कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल। यह अस्पताल सन् 1937 में धवन परिवार द्वारा स्थापित किया गया था और आज इसका संचालन डॉ. पुनीत धवन कर रहे हैं। यहां आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से किडनी के मरीजों का इलाज किया जाता है। डॉ. पुनीत धवन ने आयुर्वेद की मदद से 35 हजार से भी ज्यादा मरीजों का इलाज करके, उन्हें रोग से मुक्त किया है वो भी डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट के बिना। कर्मा आयुर्वेदा में आयुर्वेदिक उपचार के साथ आहार चार्ट और योग करने की सलाह दी जाती है जिससे रोगी जल्दी ही स्वस्थ हो सकें।