65 साल के किडनी पेशेंट का नाम शिव प्रसाद साहू है, जो कि छत्तीसगढ़ी के रहने वाले हैं। शिव प्रसाद जी को किडनी की गंभीर बीमारी का सामना करना पड़ रहा था। साथ ही रोगी का क्रिएटिनिन और ब्लड यूरिया लेवल लगातार बढ़ने की वजह से अन्य जटिलताओं से भी जूझ रहे थे जैसे –

  • उल्टियां होना
  • कमजोरी आना
  • भूख न लगना

आयुर्वेदिक उपचार के बाद

रोगी ने कुछ ही महीने पहले आयुर्वेदिक इलाज शुरू किया था और कर्मा आयुर्वेद से इलाज शुरू करने से पहले उनका क्रिएटिनिन लेवल – 6.1mg/dl था और अब आयुर्वेदिक उपचार का अच्छे से पालन करने के बाद उनका क्रिएटिनिन लेवल घटकर – 4.48mg/dl पर पहुंच गया है। इसी के साथ ब्लड यूरिया लेवल भी 116mg/dl से घटकर 98mg/dl पर आ गया है। रोगी शिव प्रसाद जी को सभी जटिलताओं से मुक्ति मिल गई है जैसे – उल्टियां न होना, कमजोरी खत्म हुई और अच्छे भूख लगना आदि।

किडनी की बीमारी का आयुर्वेदिक उपचार

किडनी संबंधी कई प्रकार के रोगों के समूह को किडनी की बीमारी कहा जाता है। जब किडनी को किसी बीमारी की वजह से नुकसान पहुंचता है, तब किडनी अपना काम करना बंद कर देती है या ठीक तरीके से काम नहीं कर पाती, तो इस स्थिति को किडनी की बीमारी कहा जाता है। जब किडनी रोग होता है तब किडनी प्रभावी रूप से अपशिष्ट द्रव को शरीर से बाहर नहीं निकाल पाती। जिससे शरीर में तरल पदार्थों का संतुलन भी खराब हो जाता है। शरीर में अपशिष्ट द्रव जमा होने से शरीर का संतुलन खराब होने लगता है, जिससे आपको शरीर में कई समस्याएं महसूस होने लगती हैं।

कर्मा आयुर्वेदा भारत के बेस्ट किडनी फेल्योर आयुर्वेदिक उपचार केंद्रो में से एक है, जो सन् 1937 में धवन परिवार द्वारा दिल्ली में स्थापित किया गया था और आज इस अस्पताल का नेतृत्व डॉ. पुनीत धवन कर रहे हैं। डॉ. पुनीत धवन ने आयुर्वेद की मदद से 35 हजार से भी ज्यादा मरीजों का इलाज करके उन्हें रोग से मुक्त किया है, वो भी बिना किसी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के। साथ ही यहां आयुर्वेदिक दवाओं के साथ आहार चार्ट और योग का पालन करने सलाह दी जाती है। कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल भारत के साथ-साथ एशिया के भी बेहतरीन आयुर्वेदिक उपचार केंद्रो में आता है।