किडनी संक्रमण की समस्या कई बार शुरुआती चरण में पता नहीं चलती| कई बार तो ऐसा भी हो जाता है कि हमें शरीर में भी कोई खास लक्षण नजर नहीं आ पाते| जब शरीर के बदलाओं को हम जान पाते हैं तब तक बहुत देर हो चुकी होती है, लेकिन शरीर में होने वाले बदलावों से किडनी संक्रमण के लक्षणों की पहचान की जा सकती है|

किडनी संक्रमण के लक्षण :-

  • नींद की समस्या
  • थकावट और कमजोरी
  • उलटी आना
  • पेशाब करने में परेशानी होना
  • भूख कम लगना
  • शरीर का पीला पड़ना
  • बुखार आना
  • सांस फूलना

घरेलू उपचार को अपनाकर किडनी को स्वस्थ रखें

आप अपने दैनिक आहार में घरेलू उपचार को अपनाकर किडनी को स्वस्थ रख सकते हैं| सही खानपान और गलत जीवनशौली अपनाने से हम अक्सर बीमार पड़ सकते हैं| शरीर में होने वाली कई गंभीर बीमारियों में से एक किडनी में संक्रमण होना भी है| क्योंकि किडनी संक्रमण होने के कई कारण होते हैं| ऐसे कारणों को आप अपनी रोजाना की दिनचर्या में अपना कर अपनी किडनी में संक्रमण की वजह खुद बनाते हैं| आज हम आपको बहुत से ऐसे घरेलू उपचार बताने जा रहे हैं जिन्हें अपने दैनिक आहार में शामिल करके आप किडनी के संक्रमण से बच सकते हैं|

दही

किडनी को स्वस्थ रखने के लिए डाईट में कटोरी दही का इतेमाल करना चाहिए, दही आपके शरीर में अच्छें और बुरे दोनों प्रकार के बैक्टीरिया को नियंत्रित रखता है| जिससे किडनी इंफेक्शन का खतरा काफी कम हो जाता है| साथ ही दही का सेवन आपकी किडनी को साफ़ भी करता है जिससे किडनी के काम में कोई खराबी नहीं आती|

बेकिंग सोडा

आपने अपने खाने को जल्दी पकाने के लिए बेकिंग सोडा का इस्तेमाल जरुर किया होगा, लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि किडनी इंफेक्शन को दूर करने के लिए बेकिंग सोडा एक अच्छा और सफल घरेलू उपचार है| इससे आपकी किडनी आपके रक्त को पूरी तरह शुद्ध करती है और आपकी किडनी भी साफ़ रहती है| बेकिंग सोडा आपकी यूरिन की मात्रा को भी बढ़ाता है जिससे आपको सही मात्रा में यूरिन रिलीज होती है और आप किडनी संक्रमण से दूर रहते हैं|

लहसून

लहसून केवल खाने के स्वाद को ही नहीं बढ़ाता बल्कि लहसून में अनेक प्रकार के आयुर्वेदिकऔषधि गुणों पाए जाते हैं, जो  किडनी के फंक्शन में सुधार करते हैं और साथ ही ये आपके ब्लड में कोलेस्ट्रोल को नियंत्रित रखता है| इसलिए किडनी इंफेक्शन से बचने के लिए आप रोजाना सुबह लहसून की 2 या 3 कली का सेवन जरुर करें| इसमें एंटीबैक्टीरियल,एंटी-इन्फ्लेमेंटरी और एंटी-फंगस प्रोपर्टी किडनी को संक्रमण की बीमारी से बचाते हैं|

सेब का सिरका

सेब खाना ज्यादातर सभी को पसंद होता है और इसमें बहुत से ऐसे पोषक तत्व होते हैं, जो आपको स्वस्थ रखने में मददगार साबित होते हैं| सेब का सिरका सबसे लोकप्रिय घरेलू उपचार में से एक है, इसमें भरपूर मात्र में एंटीबैक्टीरियल गुण मजूद होते हैं, जो किडनी की समस्या को दूर करने में सहायक होता है| रोज एक गिलास गर्म पानी के साथ 2 चम्मच सेब के सिरके का सेवन आपकी किडनी में होने वाले बैक्टीरियल इंफेक्शन से आपको बचा सकता है|

लाल अंगूर

लाल अंगूर देखने में जितने सुन्दर लगते है, उतने ही ये खाने में मीठे और अधिक पौष्टिक होते हैं| किडनी के संक्रमण से बचाव के लिए लाल अंगूर काफी फायदेमंद होते हैं, क्योंकि इसमें विटामिन -C और एंटीऑक्सीडेंट की अच्छी मात्रा होती है| साथ ही इसमें पोटेशियम की मात्रा न के बराबर होती हैं जिससे किडनी को सुचारू रूप से काम करने में मदद मिलती है| लाल अंगूर का सेवन आपकी किडनी को डिटॉक्स करता है, जिससे आपके शरीर में जमा गंदगी शरीर के बाहर निकल जाती है|

अंडे का सफ़ेद भाग

अगर आप अपनी डाईट में अंडे के सफेद भाग को शामिल करते हैं तो आप अपनी किडनी को संक्रिमित होने से बचा सकते हैं| क्योंकि अंडे के सफदे भाग में सही मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है, जो किडनी को स्वस्थ रखने में मददगार साबित होता हैं, लेकिन किडनी की समस्या होने पर अंडे के अंदर का पीला भाग नहीं खाना चाहिए क्योंकि इसमें फेट बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है| इसलिए किडनी की समस्या होने पर अंडे का सफ़ेद भाग का ही सेवन करना चाहिए| वो भी सिर्फ जब आपको डॉक्टर अलाओ करें|

नोट :-

यदि आप बहुत लम्बें समय से किडनी संक्रमण से बचने के लिए घरेलू उपचार कर रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी आपको आराम नहीं मिला रहा है, फिर आपको बिना देर किये तुरंत किडनी के डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए क्योंकि घरेलू उपचार किडनी को स्वस्थ रखने का वैकल्पिक उपचार है| किडनी में  संक्रमण होने पर आयुर्वेद उपचार से आसनी से ठीक किया जा सकता है|

कर्मा आयुर्वेदा द्वारा किडनी फेल्योर का आयुर्वेदिक उपचार : –

कर्मा आयुर्वेदा साल 1937 से किडनी रोगियों का इलाज करता आ रहा है। वर्ष 1937 में धवन परिवार द्वारा कर्मा आयुर्वेदा की स्थापना की गयी थी। वर्तमान समय में डॉ. पुनीत कर्मा आयुर्वेदा को संभाल रहे है। डॉ. पुनीत ने केवल भारत में ही नहीं बल्कि विश्वभर में किडनी की बीमारी से ग्रस्त मरीजों का इलाज आयुर्वेद द्वारा किया है। आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता हैं। डॉ. पुनीत ने एक लाख 20 हजार से भी ज्यादा किडनी मरीजों को रोग से मुक्त किया है। कर्मा आयुर्वेदा डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना पूर्णतः प्राचीन भारतीय आयुर्वेद के सहारे से किडनी फेल्योर का इलाज कर रहा है।