31 साल के किडनी पेशेंट, नाम अतुल कुमार सिंह है। वह क्रोनिक किडनी डिजीज की अंतिम स्थिति से पीड़ित थे। रोगी का क्रिएटिनिन स्तर लगातार बढ़ता जा रहा था और इस बीमारी की वजह से उन्हें अन्य जटिलताओं का भी सामना करना पड़ रहा था जैसे –

  • जोड़ों में दर्द
  • मांसपेशियों में दर्द
  • कमजोरी रहना

आयुर्वेदिक इलाज के बाद

रोगी ने मात्र 2 महीने पहले कर्मा आयुर्वेदा से इलाज शुरू किया था और आज आयुर्वेदिक मदद से वह बिल्कुल स्वस्थ महसूस कर रहे हैं। पहले रोगी का क्रिएटिनिन स्तर – 8.26mg/dl था, लेकिन कर्मा आयुर्वेदा से आयुर्वेदिक उपचार प्राप्त करने के बाद उनका क्रिएटिनिन स्तर घटकर – 5.50mg/dl पर पहुंच गया है। साथ ही वह डायलिसिस प्रोटोकॉल से बाहर है और गंभीर जटिलताओं से भी मुक्ति मिल गई है।

क्रोनिक किडनी डिजीज का आयुर्वेदिक उपचार

क्रोनिक किडनी डिजीज में दोनों किडनी को खराब होने में महीनों से सालों तक का समय लगता है। इसकी शुरूआत में दोनों किडनी की कार्यक्षमता में अधिक कमी नहीं होने के कारण कोई लक्षण दिखाई नहीं देते, लेकिन जैसे-जैसे किडनी अधिक खराब होने लगती है तब मरीज की तकलीफ बढ़ती जाती है।

लक्षण क्रोनिक किडनी डिजीज के लक्षण किडनी की क्षति गंभीरता के आधार पर बदलते हैं। क्रोनिक किडनी रोग को पांच स्टेजों में विभाजित किया गया है। किडनी की कार्यक्षमता के दर या eGFR के स्तर पर यह विभाजन आधारित होते हैं। रक्त की जांच से रक्त में क्रिएटिनिन की मात्रा और किडनी की कार्यक्षमता यानि eGFR का पता लगाया जा सकता है। eGFR 90ml/min से अधिक होता है।


आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है जो हर रोग को जड़ से खत्म करने में मदद करती है। कर्मा आयुर्वेदा में किडनी का आयुर्वेदिक उपचार किया जाता है और यह भारत का एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक किडनी उपचार केंद्र है। कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल सन् 1937 में धवन परिवार द्वारा स्थापित किया गया था और आज इसका नेतृत्व डॉ. पुनीत धवन कर रहे हैं।

डॉ. पुनीत धवन ने सफलता के साथ 35,000 से अधिक मरीजों का इलाज करके उन्हें किडनी की गंभीर बीमारी से छुटकारा दिलाया है। साथ ही, जिन लोगों को डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट करवाने की नौबात आ गई थी उन्हें भी इन दर्दनाक प्रक्रियाओं से मुक्त किया है।