रोगी महिंदर पूरी गोस्वामी - किडनी ट्रीटमेंट इन इंडिया

अल्कोहोल और किडनी रोग

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रोगी महिंदर पूरी गोस्वामी - किडनी ट्रीटमेंट इन इंडिया

उदयपुर, राजस्थान के रहने वाले महिंदर पूरी गोस्वामी जी, किडनी की विफलता जैसी गंभीर समस्या से जूझ रहे थे। किडनी खराब होने के कारण महिंदर पूरी जी को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। महिंदर पूरी जो को पैरों में सूजन, सांस फूलने, खांसी, उल्टियाँ आने के साथ उनका वजन भी लगातार बढ़ता जा रहा था। साथ ही उनके शरीर में क्रिएटिनिन का स्तर भी लगातार बढ़ता जा रहा था। महिंदर पूरी जी के परिवार जनों ने तुरंत एलोपैथी उपचार लेना शुरू किया, लेकिन उनको वहां से निराशा ही हाथ लगी। राजस्थान के एलोपैथी चिकित्सकों ने उन्हें 15 दिनों के भीतर डायलिसिस कराने की सलाह दी, साथ ही चिकित्सकों ने महिंदर जी को कहा कि इस बीमारी से बचने का सिर्फ यही एक मात्र उपाय है।

आयुर्वेदिक उपचार से पहले

  • पैरों में सूजन
  • सांस फूलना
  • उल्टियाँ आना
  • वजन बढ़ना
  • खांसी
  • उच्च क्रिएटिनिन स्तर –26 mg/dl

कर्मा आयुर्वेदा द्वारा आयुर्वेदिक उपचार के बाद

एलोपैथी चिकित्सकों की बातों को सुनकर महिंदर पूरी गोस्वामी जी के बेटे ने डायलिसिस कराने की सलाह को ना मानते हुए कोई अन्य उपचार की तलाश शुरू कर दी। महिंदर पूरी जी के बेटे को इन्टरनेट के माध्यम से “कर्मा आयुर्वेदा किडनी उपचार केंद्र” के बारे में जानकारी मिली। जिसके बाद उन्होंने बिना किसी देरी के आयुर्वेदिक उपचार लेना शुरू कर दिया। आयुर्वेदिक उपचार लेने के मात्र एक कुछ दिनों बाद ही महिंदर पूरी जी को अपने अंदर काफी सुधार होता नज़र आना शुरू हुआ। किडनी खराब होने के कारण उन्हें होने वाली समस्याओं से छुटकारा मिलना शुरू हो गया, साथ ही क्रिएटिनिन कम करने के आयुर्वेदिक उपाय से स्तर संतुलन में आ गया है।

  • उच्च क्रिएटिनिन स्तर –90 mg/dl
  • सांस फूलना बंद हुई
  • उल्टियाँ आना बंद हुई
  • वजन कम हुआ
  • अब खांसी नहीं आती

विश्लेषण

कर्मा आयुर्वेदा ने महिंदर पूरी गोस्वामी जी को बिना डायलिसिस के ठीक कर एलोपैथी चिकित्सकों को झूठा साबित किया। जिन्होंने महिंदर पूरी गोस्वामी जी को यहाँ कहा था कि किडनी फेल्योर का डायलिसिस ही एक मात्र उपचार है। उन्हें क्रिएटिनिन कम करने की आयुर्वेदिक औषधि से सही किया 

कर्मा आयुर्वेदा द्वारा किडनी फेल्योर का आयुर्वेदिक उपचार

आयुर्वेद की मदद से किडनी फेल्योर की जानलेवा बीमारी से आसानी से छुटकारा पाया जा सकता है। आयुर्वेद में इस रोग को हमेशा के लिए खत्म करने की ताक़त मौजूद है। जबकि अंग्रेजी दवाओं में बीमारी से कुछ समय के लिए राहत भर ही मिलती है। आयुर्वेद की मदद से किडनी फेल्योर जैसी जानलेवा बीमारी से निदान पाया जा सकता है। आज के समय में "कर्मा आयुर्वेदा" प्राचीन आयुर्वेद के जरिए "किडनी फेल्योर" जैसी गंभीर बीमारी का सफल इलाज कर रहा है। कर्मा आयुर्वेद पूर्णतः प्राचीन भारतीय आयुर्वेद के सहारे से किडनी फेल्योर का इलाज कर रहा है।

वैसे तो आपके आस-पास भी काफी आयुर्वेदिक उपचार केंद्र होने लेकिन कर्मा आयुर्वेद बाकी केन्द्रों से खास है।  कर्मा आयुर्वेदा साल 1937 से किडनी रोगियों का इलाज करते आ रहे हैं। वर्ष 1937 में धवन परिवार द्वारा कर्मा आयुर्वेद की स्थापना की गयी थी। वर्तमान समय में डॉ. पुनीत धवन कर्मा आयुर्वेद को संभाल रहे है। डॉ. पुनीत धवन ने  केवल भारत में ही नहीं बल्कि विश्वभर में किडनी की बीमारी से ग्रस्त मरीजों का इलाज आयुर्वेद द्वारा किया है। आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता हैं। जिससे हमारे शरीर में कोई साइड इफेक्ट नहीं होता हैं। साथ ही डॉ. पुनीत धवन ने 35 हजार से भी ज्यादा किडनी मरीजों को रोग से मुक्त किया हैं। वो भी किडनी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना।

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