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किन 6 आदतों को अपनाकर किडनी को खराब होने से बचा सकते हैं?

डॉ. पुनीत धवन

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व्यक्ति का शरीर कई खास अंगों से मिलकर बना हुआ है, जिसमें किडनी सबसे खास है। किडनी हमारे  शरीर में बहने वाले खून को साफ़ करने का सबसे जरूरी काम करनी है। किडनी खून में मौजूद सभी अपशिष्ट उत्पादों को अलग कर उन्हें पेशाब के जरिये शरीर से बाहर निकाल देती है। अपने इस काम से किडनी शरीर में सभी रसायनों के बीच में एक खास संतुलन बनाने की कोशिश करती है, जिसके चलते व्यक्ति का शारीरिक विकास सही से चलता रहता है। बाकी अंगों की तुलना में किडनी सबसे संवेदनशील अंग है, यह छोटी-सी लापरवाही से खराब हो सकती है। किडनी के खराब होने का अर्थ है कई समस्याओं को न्योता देना, एक बार जब किडनी खराब हो जाती है उसे वापिस ठीक कर पाना काफी मुश्किल होता है।

इन 6 आदतों को अपनाकर किडनी खराब होने से बचाएं

किडनी हमारी ही कुछ गलत आदतों के कारण से खराब होती है, ऐसे में व्यक्ति को ऐसी किसी भी गलत आदत को नहीं अपनाना चाहिए जिससे किडनी खराब होने का खतरा बढ़े। लोगो को इस बारे में बहुत कम जानकारी है कि किडनी को खराब होने से कैसे बचाया जा सकता है? अगर आप अपनी किडनी को खराब होने से बचाना चाहते हैं तो आपको हमारी बताई गई इन 6 आदतों को अपने जीवन में जरुर शामिल करना चाहिए जिससे आप अपनी किडनी को स्वस्थ रख सकते हैं -

ताजे खाने को अपनाएं

अगर आप अपनी किडनी को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो आपको प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ (processed foods) और फ्रोज़ेन फ़ूड से दूर रहना चाहिए। इस तरह के खाद्य उत्पाद अक्सर पेट से जुड़ी समस्या को पैदा कर देते हैं, जिसमे व्यक्ति को गैस, कब्ज और पेट में एसिड बनने जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। नियमित रूप से इस तरह का खाना खाने से लीवर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे किडनी पर भी बुरा असर पड़ने लगता है। अगर ऐसा लंबे समय तक चलता रहे तो किडनी खराब होने की आशंका बढ़ जाती है। इसीलिए आपको डब्बाबंद खाद्य उत्पादों के स्थान पर ताजा खाद्य उत्पादों को अपने आहार में शामिल करना चाहिए।

ज्यादा नमक खाने से बचें

बहुत से लोगो को ज्यादा नमक खाने की आदत होती है, जो कि किडनी की समस्या को खुद से न्योता देना है। ज्यादा नमक खाने से उच्च रक्तचाप होने का खतरा बढ़ता है और किडनी खराब होने का सबसे बढ़ा कारण है “उच्च रक्तचाप”। रक्त में सोडियम की अधिक मात्रा होने के कारण किडनी को रक्त शुद्ध करने के दौरान फिल्टर्स पर हानिकारक प्रभाव पड़ना शुरू हो जाता है और किडनी खराब हो जाती है। किडनी को स्वस्थ रखने के लिए आम नमक के स्थान पर सेंधा नमक का इस्तेमाल करना चाहिए।

दर्द निवारक दवाओं से दूर रहें

बहुत से ऐसे लोग होते हैं जो हर छोटी-सी शारीरिक समस्या होने पर दर्द निवारक दवाओं का लेना पसंद करते हैं। लाजमी है कि इससे समस्या से जल्द ही राहत मिलती है लेकिन हमारी से आदत अंदर ही अंदर के बड़ी समस्या को बढ़ा रही होती है। अधिक मात्रा में दर्द निवारक दवाओं के सेवन से किडनी की कार्यक्षमता पर असर पड़ता है, जिससे किडनी धीरे-धीरे काम करना बंद कर देती है। अगर आप पहले से ही किडनी से जुड़ी समस्या से जूझ रहे हैं, तो आपको इबुप्रोफेन जैसे एंटीबायोटिक्स का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि यह एंटीबायोटिक किडनी को और अधिक नुकसान पहुंचा सकती है।

कम मात्रा में मीठा खाएं

अगर आप बहुत ज्यादा मीठा खाने के शौक़ीन है तो आपको अपनी इस आदत में बदलाव करने की जरुरत है, क्योंकि इससे मुधुमेह हो सकता है और यह किडनी खराब होने के सबसे बड़े कारणों में से एक है। बहुत से लोगो का मत है कि मधुमेह केवल एक वंशानुगत बीमारी है जो हर किसी को नहीं हो सकती। लेकिन मत को मानने वाले सभी लोग एक गलत धारणा पर विश्वास कर रहे हैं, मधुमेह भले ही एक वंशानुगत बीमारी है लेकिन यह ज्यादा मीठा खाने से भी बढ़ती है।

सरसों या जैतून का तेल अपनाएं

अक्सर देखा गया है कि हम लोग एक स्वस्थ आहार का चयन तो कर लेते हैं, लेकिन जब बात आती है एक स्वस्थ और पौष्टिक तेल की तो हमें इस बारे में कुछ ज्यादा जानकारी नहीं होती। तो हम आपको सलाह देंगे कि आप अपने आहार में सरसों या जैतून के तेल को शामिल करें। यह दोनों तेल आपको और आपकी किडनी को भी स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। चिकित्सक भी किडनी रोगी को सरसों और जैतून का तेल आहार में शामिल करने की सलाह देते हैं। यह दोनों तेल सूजन, रक्तचाप, मधुमेह, गठिया, किडनी की पथरी और रक्त संचारण जैसी समस्याओं में राहत दिलाने में मदद करते हैं।

योग अपनाएं

वर्तमान समय में खासकर युवाओं में आकर्षक शरीर बनाने की होड़ लगी हुई है, जिसके कारण हर कोई घंटों तक जिम में पसीना बहाता रहता है। जिम जाने से भले ही एक आकर्षक शरीर मिलता है लेकिन इससे किडनी पर काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ऐसे में हम आपको सलाह देंगे कि आप जिम से ज्यादा योग करने पर ध्यान दें। योग ना केवल आपको स्वस्थ रखने में मदद करता है बल्कि किडनी रोग से छुटकारा दिलाने में भी काफी मदद करता है। किडनी को स्वस्थ रखने के लिए आप मत्स्यासन, अर्धचक्रासन, उष्ट्रासन और धनुरासन जैसे आसान से योगाभ्यास अपना सकते हैं।

कर्मा आयुर्वेदा द्वारा किडनी फेल्योर का आयुर्वेदिक उपचार

कर्मा आयुर्वेदा साल 1937 से किडनी रोगियों का इलाज करता आ रहा है। वर्ष 1937 में धवन परिवार द्वारा कर्मा आयुर्वेदा की स्थापना की गयी थी। वर्तमान समय में डॉ. पुनीत धवन कर्मा आयुर्वेदा को संभाल रहे है। डॉ. पुनीत धवन ने केवल भारत में ही नहीं बल्कि विश्वभर में किडनी की बीमारी से ग्रस्त मरीजों का इलाज आयुर्वेद द्वारा किया है। आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता हैं। डॉ. पुनीत धवन ने 35 हजार से भी ज्यादा किडनी मरीजों को रोग से मुक्त किया है। कर्मा आयुर्वेदा किडनी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना पूर्णतः प्राचीन भारतीय आयुर्वेद के सहारे से किडनी फेल्योर का इलाज कर रहा है।

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