जब किडनी सामान्य क्षमता से 10-15% कम काम कर रहे होते हैं। अभी तक किए गए उपायों में जैसे कि दवाएं, आहार और इसके मुख्य कारणों को नियंत्रित करने वाले उपचार कुछ समय के बाद इस बीमारी के लिए पर्याप्त नहीं होते हैं। अंतिम स्टेज में रोगी की किडनी अपशिष्ट और तरल पदार्थ अपने शरीर से बाहर नहीं निकाल पाती हैं। ऐसी स्थिति में रोगी को डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट की आवश्यकता होती है।

किडनी डिजीज की पांचवी अवस्था बेहद गंभीर होती हैं। इससे eGFR अर्थात किडनी की कार्यक्षमता में 15% से कम हो सकती हैं। इसे किडनी डिजीज की अंतिम अवस्था भी कहते हैं। इस अवस्था में मरीज को डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट की आवश्यकता हो सकती हैं। मरीज में लक्षण स्पष्ट या तीव्र हो सकते हैं और उनके जीवन के लिए खतरा और जटिलताएं बढ़ सकती हैं।

आखिरी स्टेज किडनी डिजीज (ESKD) के सामान्य लक्षण:

हर मरीज में किडनी खराब होने के लक्षण और उसकी गंभीरता अलग-अलग होती हैं। इस रोग की अवस्था में पाए जाने वाले लक्षण इस प्रकार हैं:

  • खाने में अरुचि होना और उबकाई आना
  • शरीर में कमजोरी होना
  • वजन कम हो जाना
  • जी मिचलाना और उल्टी होना
  • पैरों के निचले हिस्से में सूजन
  • रोज़ सुबह के समय आंखों के चारों तरफ और चेहरे पर सूजन
  • थोड़ा काम करने पर ही थकावट महसूस होना और सांस फूलना
  • शरीर में खुजली होना
  • पीठ के निचले हिस्से में दर्द होना
  • रात के समय बार-बार पेशाब जाना
  • रक्त में फीकापन आना या रक्त की कमी होना (एनीमिया)
  • याद्दाश्य में कमी होना
  • नींद में नियमित क्रिम में परिवर्तन होना
  • दवा लेने के बाद भी ब्लड प्रेशर का कंट्रोल न होना
  • स्त्रियों में मासिक में अनियमितता और पुरुषों में नंपुसकता का होना
  • किडनी में बनने वाले विटामिन डी का कम होना, जिससे बच्चों की ऊचाई कम बढ़ती हैं और वयस्कों की हड्डियों में दर्द रहता हैं।
  • भोजन में अरूचि होना
  • कमजोरी और जी मिचलाना जैसे संकेत से क्रोनिक किडनी डिजीज के अधिकांश मरीजों के मुख्य लक्षण।


आखिरी स्टेज किडनी डिजीज (ESKD)  का आयुर्वेदिक उपचार

आयुर्वेदिक उपचार किडनी डिजीज के लिए उत्कृष्ट समाधान हैं जो मरीजों को ठीक होने, महंगे डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट से बाहर निकालने में मदद करता हैं। ज्यादातर मरीजों में देखा जाता हैं कि किडनी फेल्योर में क्रिएटिनिन का स्तर कम हो जाता हैं। इसके लिए आयुर्वेदिक उपचार सबसे अच्छा और सबसे ज्यादा प्रभावकारी होता हैं। साथ ही आयुर्वेद उपचार में कर्मा आयुर्वेदा किसी भी दुष्प्रभाव से पीड़ित समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए सबसे प्रभावी साबित हुआ हैं। कर्मा आयुर्वेदा के जाने-माने विशेषज्ञ डॉ. पुनीत धवन नियमित आहार योजना के साथ पुरानी किडनी डिजीज उपचार के लिए सबसे अच्छी दवा देते हैं और ये सुनिश्चित करने के लिए जांच करते हैं कि रोगियों को अच्छी तरह से ठीक किया जाएं।

आयुर्वेदिक चिकित्सा शरीर, मन और आत्मा का एक प्राचीन विज्ञान हैं। जिसमें आयुर्वेद का उपयोग जड़ी-बूटियों और पूर्व-एतिहासिक तकनीकों के साथ किया जाता हैं। विश्व में प्रमुख किडनी सेंटर में से एक कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल हैं। ये 1937 में धवन परिवार द्वारा स्थापित किया गया था और इस अस्पताल के नेतृत्व में डॉ. पुनीत धवन हैं। कर्मा आयुर्वेदा में सिर्फ आयुर्वेदिक उपचार पर भरोसा किया जाता हैं और 100 प्रतिशत प्राकृतिक इलाज करते हैं। साथ ही डॉ. पुनीत ने सफलतापूर्वक 35 हजार से भी ज्यादा मरीजों का इलाज करके उन्हें रोग मुक्त किया हैं। यहां हर्बल दवाओं के द्वारा रोगियों को ठीक किया जाता हैं।