किडनी में खराबी होने के कारण रोगी को एक बात समझा दी जाती हैं कि आपको अपने खाने-पीने में परहेज रखने की जरूर है| क्योंकि खाने-पीने में परहेज न रखने से रोगी की किडनी भी फेल हो सकती हैं इसलिए किडनी रोगी को डॉ. के द्वारा बताई गई डाइट के हिसाब से ही खाना-पीना लेना चाहिए| कई बार क्या होता है कि डॉक्टर द्वारा किडनी रोगी को यह समझा तो दिया जाता है कि खाने में क्या-क्या लेना चाहिए?जिससेकिडनी को काम करने में कोई परेशानी न आएं| लेकिन किडनी रोगी कभी-कभी इन बातों को लेकर भी परेशान हो जाते हैं कि उन्हें ऐसे कौन से खादय पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए जिससे उनकी किडनी को किसी भी प्रकार कानुकसान न पहुँचे| आज हम किडनी के रोगियों के लिए इस समस्या का समाधान लेकर आएं है कि आखिर किडनी रोगी को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए?

सबसे पहले तो हम आपको बताएँगे कि किडनी रोगी को क्या नहीं खाना चाहिए जिससे उनकी किडनी की समस्या अधिक बढ़ सकती हैं| चलिये जानते हैं:-

फास्ट फूड से बढ़ती है किडनी की समस्या:

बदलती जीवन शैली का सबसे अधिक प्रभाव खानपान पर पड़ा हैं| जिसके कारण लोग फास्ट फूड या कैन फूड खाना पसंद कर रहें है क्योंकि फास्ट फूड आसानी से उपलब्द हो जाता हैं| ठंड के मौसम में ज्यादातर लोग बाहर का सूप पीना पसंद करते हैं लेकिन कैन सूप में सोडियम की मात्रा काफी ज्यादा होती है, जो किडनी के रोगियों को नुकसान पहुंचाने का काम करता है| किडनी की खराबी से बचने के लिए किडनी के रोगी को घर में बना कम मसाले और सीमित नमक वाला सादा सूप पीना चाहिए जिससे इम्यूनिटी पावर बढ़ने में मदद मिलती है| किडनी रोगी को फास्ट या जंक फूड से बिल्कुल दूर ही रहना चाहिए|

सोडा से बढ़ती है किडनी की खराबी:

आपके आसपास बहुत से ऐसे लोग मिल जाएंगे जो आपको यह बताते रहते होंगे कि आपको कौन-सी बीमारी में क्या खाना चाहिए और खुद को ऐसे लोग डाइटीशियन से कम नहीं समझते लेकिन ऐसे लोग भ्रांतियां फैलाने का काम करते हैं और ऐसे लोगों की बात मानकर आप आपकी जान को जोझिम में डालते है| जैसे कई लोगों का कहना होता है कि सोडा या डार्क सोडा स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होता है लेकिन वो यह नहीं बताते कि किडनी की समस्या से ग्रसित लोगों को सोडा या डार्क रंग के पेय पदार्थों का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए क्योंकि सोडा में फास्फोरस पाया जाता है जो किडनी को नुकसान पहुंचाता है इसलिए किडनी के रोगी को सोडा का सेवन नहीं चाहिए|

रेड मीट न खाएं किडनी रोगी:

रेड मीट प्रोटीन का सबसे अच्छा स्रोत है, लेकिन किडनी रोगी के लिए रेट मीट का सेवन करना नुकसानदायक होता हैं| वैसे तो रेड मीट का सेवन मांसपेशियों के लिए तो अच्छा हैं| लेकिन किडनी की बीमारी के दौरान रेड मीट का सेवन खतरनाक माना गया है क्योकि रेड मीट में काफी मात्रा में फैट पाया जाता हैं| जो किडनी के कार्य करने की क्षमता को प्रभावित करता है| रेड मीट का ज्यादा सेवन करने से शरीर में यूरिक एसिड भी बढ़ता है, जो किडनी को नुकसान पहुँचा सकता है| किडनी की खराबी में रेड मीट का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए|

दर्द निवारक गोलियों से हो सकती है किडनी फेल:

किडनी में खराबी के कारण रोगी को दर्द होता है और कभी कभी दर्द को सहन करना मुश्किल हो जाता है और रोगी मिडिकल स्टोर में मिलने वाली दर्द निवारक गोलियों को बिना डॉक्टर के परामर्श से लेता है और जब तक दवाई का असर रहता है रोगी को दर्द से आराम मिलता हैं और जैसे ही दवाई का असर कम होने लगता है फिर से दर्द होना शुरू हो जाता है इन दर्द निवारक गोलियों का आपकी किडनी पर खतरनाक असर पड़ता है इसलिए कोई भी दवा लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें|

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि किडनी हमारे शरीर का कितना महत्वपूर्ण और संवेदनशील अंग हैं| किडनी रोग एक गंभीर रोग हैं, इसके सामान्य लक्षण दिखने पर बिल्कुल भी लापरवाही नहीं करनी चाहिए आपको डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए और आपको अधिक मात्रा में पोटैशियम और फास्फोरस का सेवन करना नहीं करना चाहिए क्योंकि आप जो भी असंतुलित आहार लेते है उससे रक्त में विषैले पदार्थ इकट्ठा होने लगते हैं जिससे आपकी किडनी अच्छे से आपका कार्य नहीं कर पाती है|किडनी खराब होने के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और नियमित रूप से आयुर्वेदिक औषधियों के उपचार और संतुलित आहार से किडनी रोग को ठीक किया जा सकता है|

चलिये अब हम आपको बताएँगे कि किडनी रोगी को अपनी डाइट में किन चीजों को शामिल करना चाहिए| चलिये जानते हैं:-

धुली मूंग दाल फायदेमंद हैं किडनी रोगी के लिए

धुली मूंग आयरन प्राप्त करने का सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है|धुली मूंगकी दाल के सेवन से शरीर में आने वाली कमजोरी को दूर किया जा सकता है| किडनी के रोगी काम केदबाव के चलते जल्दी ही थक जाते हैं| जैसा कि आप सभी जानते ही होंगे कि किडनी रोगी बहुत थक जातेहै तो उसके बाद वो खाना नहीं खाते, जल्दी से ही सो जाते है| कभी-कभी किडनी में दर्द होने के कारण किडनी रोगी रातभर नहीं सोते| लेकिन शायद आप नहीं जानते कि धुली मूंग की दाल संतुलित मात्रा भी किडनी रोगी को ऊर्जा से भर सकती हैं|धुली मूंग की दाल शरीर में ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने में मदद करती है|धुली मूंग की दाल शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने का काम करती है और ये कोशिकाएँ शरीर से दूसरे अंगों तक ऑक्सीज़न पहुंचाने का काम करती हैं| जब शरीर के सभी अंगों को पूरी तरह से ऑक्सीज़न मिलती है तो इससे शरीर में ऊर्जा के स्तर में सुधार होता है| इसलिए किडनी के रोगी को धुली मूंगकी दाल का सेवन करना फायदेमंद होता है|

शलजम हृदय और किडनी को स्वस्थ रखें:

हृदय शरीर का सबसे सक्रिय अंग हैं| जो खून में ऑक्सीज़न की पूर्ति करता है और खून से प्राप्त पोषक तत्वों को शरीर के दूसरे हिस्सों में पहुंचाने का काम करता है| हृदय की गति का सामान्य रूप से धड़कना आपके खाने पर निर्भर करता है| क्योंकि आपके खान-पान से प्राप्त अच्छे या बुरे सभी प्रकार के पदार्थो का असर हृदय की गति पर भी पड़ता है| किडनी और हृदय का सह-संबंध है| जैसे कि आप सभी जानते है कि किडनी खून का साफ करती है और उसमें मौजूद अपशिष्ट व विषैले पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने का कम करती है लेकिन कभी कभी हम कुछ ऐसे खदाय पदार्थों का सेवन कर लेते जो ठीक से डाइजेस्ट नहीं हो पता और जिसके कारण किडनी ठीक से खून को शुद्ध नहीं कर पाती| इसका सीधा असर हृदय पर पड़ता है क्योंकि किडनी के माध्यम से ही खून हृदय तक पहुंचता है| और जब हृदय में खून की पूर्ति ठीक से नहीं होती तो ऐसे में हार्ट स्टोक, हार्ट अटैक और हार्ट संबंधी बीमारी होने का खतरा अधिक बढ़ जाता है| इसलिए ऐसी स्थिति से बचाने के लिए शलजम का सेवन करना बहुत ही उपयोगी साबित हो सकता है क्योंकि शलजम में एंटी-इंफ़्लेमेंटरी तत्व मौजूद होता है जो खून में आने वाले संक्रामण को कम करता है जिससे हृदय सामान्य गति से काम करता है| साथ ही इसके सेवन से किडनी के संक्रमण को कम करने के लिए भी शलजम का सेवन करना फायदेमंद होता है|

किडनी रोगी लें सकते है डबल टोंड मिल्क वाली चाय

किडनी के रोगी को वैसे तो चाय पीने से माना किया जाता है क्योंकि चाय किडनी के रोगी के लिए नुकसानदायक होती है| अक्सर क्या होता है कि किडनी के रोगी को चाय पीने की लत पहले से होती हैं| वैसे तो चाय पीने की लत जल्दी से छूटती नहीं है| लेकिन ऐसे में किडनी के रोगी डबल टोंड मिल्क का सेवन कर सकते है| किडनी के रोगी को दूध वाली चाय पीनी चाहिए या नहीं यह किडनी के रोगी की रिपोर्ट पर निर्भर करता है| क्योंकि कभी-कभी टोंड वाले दूध की चाय भी किडनी के रोगी को सूट नहीं करती|ऐसे में किडनी के मरीज को डबल टोंड वाले दूध की चाय का सेवन भी सीमित मात्रा में करना उपयोगी साबित हो सकता हैं| साथ ही इसका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लेना चाहिए|

किडनी रोगी की एनीमिया की कमी को दूर करें दलिया

अक्सर किडनी के मरीज में खून की कमी देखने को मिलती हैं और जिसे विज्ञान की भाषा में हिमोब्लोबिन का कम होना या एनीमिया रोग कहा जाता हैं| किडनी में संक्रमण के कारण मरीज की किडनी रक्त का शुद्धकरण ठीक से नहीं कर पाती, जिसके कारण किडनी प्रर्याप्त मात्रा में शरीर के दूसरे अंगों तक रक्त नहीं पहुंचा पाती| जिससे किडनी के रोगी में हिमोग्लोबिन की कमी देखने को मिलती हैं, लेकिन किडनी मरीज अपने आहार में दलिया को शामिल करके रक्त की कमी को पूरा कर सकता हैं| इसलिए किडनी रोगी को नियमित रूप से सुबह के नाश्ते में दलिया लेना चाहिए क्योंकि दलिया पोषक तत्वों का भंडार हैं|जो एक हल्का खादय पदार्थ तो है लेकिन सुबह के नाश्ते में दलिया लेने से किडनी रोगी का पेट भरा रहता हैं, और जिससे बार बार खूब भी नहीं लगती और डॉक्टर द्वारा भी किडनी रोगी को हल्का खाना खाने की सलाह दी जाती है ऐसे में किडनी रोगी का सुबह नाश्ते में दलिया देना बहुत ही फायदेमंद होता है|

कर्मा आयुर्वेदा द्वारा किडनी फेल्योर का आयुर्वेदिक उपचार : –

कर्मा आयुर्वेदा साल 1937 से किडनी रोगियों का इलाज करता आ रहा है। वर्ष 1937 में धवन परिवार द्वारा कर्मा आयुर्वेदा की स्थापना की गई थी। वर्तमान समय में डॉ. पुनीत कर्मा आयुर्वेदा को संभाल रहे है। डॉ. पुनीत ने केवल भारत में ही नहीं बल्कि विश्वभर में किडनी की बीमारी से ग्रस्त मरीजों का इलाज आयुर्वेद द्वारा किया है। आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता हैं। डॉ. पुनीत ने 1 लाख 50 हजार से भी ज्यादा किडनी मरीजों को रोग से मुक्त किया है। कर्मा आयुर्वेदा डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के बिना पूर्णतः प्राचीन भारतीय आयुर्वेद के सहारे से किडनी फेल्योर का इलाज कर रहा है|