रोगी का नाम गुलजार लाल है और वह काफी लंबे समय से किडनी की बीमारी से पीड़ित थे। रोगी 5 महीने से डायलिसिस ले रहा था और एलोपैथी उपचार करवा रहा था जिसका कोई प्रभाव नहीं हो रहा था। इलाज से पहले

  • क्रिएटिनिन – 9.8
  • शुगर – 340

आयुर्वेदिक उपचार के बाद

रोगी ने कर्मा आयुर्वेदा से प्रांरभिक इलाज के बाद उनकी हालत में काफी सुधार आया। प्राकृतिक उपचार से रक्त और यूरिया के स्तर में काफी कमी आई। एक महीने के अंदर रोगी डायलिसिस से मुक्त हो गए और उनके शुगर में भी कम हो गया।

  • क्रिएटिनिन – 7.8
  • शुगर – 150

विश्लेषण:

कर्मा आयुर्वेदा ने एक ओर रोगी को डायलिसिस से बचाया। डॉ. पुनीत धवन ने उन्हें आयुर्वेदिक उपचार के साथ उचित आहार की सलाह दी। उन्होंने पूरी तरह से आयुर्वेदिक उपचार के साथ कई किडनी रोगियों को ठीक किया है।

किडनी फेल्योर

किडनी फेल्योर एक बहुत ही खतरनाक स्थिति है जिसमें किडनी अपने कार्यों को करने में सक्षम नहीं होती है। इसके परिणामस्वरूप शरीर में जहरीले अपशिष्ट और अतिरिक्त तरल पदार्थ का संचय हो सकता है। अगर समय पर  इस स्थिति का इलाज नहीं किया जाए तो किडनी फेल्योर का कारण बन सकता है।

आयुर्वेद ने बहुत प्रगति की है और आधुनिक दुनिया में अपनी सफलता को झंडा लहराया है। ये शरीर, मन और आत्मा का इलाज करने का एक प्राचीन विज्ञान है। आयुर्वेद पुनर्नवा, गोखुर, वरुण, कास्नी और शिरीष जैसे प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का उपयोग करता है जो रोगी को पूरी तरह से दुष्प्रभावों से बचाता है।

आयुर्वेद शरीर, तन-मन, और आत्मा का इलाज करता है। वह एक प्राचीन विज्ञान है। आयुर्वेद में पुनर्नवा, गोखुर, वरुण, कास्नी और शिरीष जैसे प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का उपयोग करते हैं जो पूरी से दुष्प्रभावों  से मुक्त करता है। कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल में भी आयुर्वेदिक दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है। इसके नेतृत्व में डॉ. पुनीत धवन है जो एक बेहतरीन आयुर्वेदिक चिकित्सकों में से एक है और कई सालों से किडनी रोगियों का इलाज कर रहे हैं। डॉ. पुनीत धवन आयुर्वेदिक उपचार के साथ किडनी रोगियों को उचित डाइट चार्ट की सलाह भी देते हैं।