स्वस्थ और सामान्य स्थिति में इंसान की दो किडनियां होती हैं, लेकिन कई बार कुछ बच्चे एक किडनी के साथ पैदा होते हैं और कुछ लोगों को किडनी खराबी के कारण या किडनी दान करने के कारण एक किडनी पर जीना पड़ता हैं। किडनी हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग हैं जिसके बिना हमारा जीवन संभव नहीं हैं। शरीर के रक्त का बड़ा हिस्सा किडनी से होकर गुजरता हैं। किडनी में मौजूद लाखों नेफ्रोन नलिकाएं खून को छानकर शुद्ध करती हैं। ये रक्त के अशुद्ध भाग को पेशाब के रूप में अलग भेजती हैं। इसके अलावा भी किडनी के ढेर सारे फंक्शन हैं।

वैसे कुछ लोगों को ये मानना हैं कि एक किडनी पर जीना बेहद मुश्किल हैं, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं हैं। आप कुछ जानकारी और सावधानियों से काफी अच्छा जीवन जी सकते हैं।

एक किडनी वाले व्यक्तियों को जीवन में होने वाली तकलीफ

एक किडनी वाले व्यक्ति के जीवन में मेहनत करने या सहवास में कोई परेशानी नहीं होती हैं। प्रत्येक व्यक्ति के शरीर में दो किडनी होती है, लेकिन किडनी में इतनी कार्यक्षमता रहती हैं कि वह शरीर का सारा जरूरी काम संपूर्ण रूप से अकेले कर सकती हैं। ज्यादा समय एक किडनी वाला व्यक्ति अपना जीवन सामान्य रूप से जीता हैं। उसे शरीर में एक किडनी होने का पता ज्यादातर आकस्मिक जांच के दौरान होता हैं। कुछ लोगों में जिनकी एक ही किडनी होती हैं, उनमें कभी-कभी इसके कारण कुछ दुषप्रभाव जैसे- उच्च रक्तचाप और पेशाब में प्रोटीन का जाना आदि देखा गया हैं। किडनी के कार्यों में कमी होना बहुत कम हैं।

एक ही किडनी होने के क्या-क्या कारण हैं?

  • जन्म से ही शरीर में एक किडनी का होना
  • ऑपरेशन द्वारा शरीर से एक किडनी निकाल दी गई हो। ऑपरेशन द्वारा एक किडनी निकालने का मुख्य कारण किडनी में पथरी का होना, मवाद होना अथवा लंबे समय से मूत्रमार्ग में अवरोध के कारण एक किडनी का काम करना बंद कर देना और किडनी में कैंसर की गांठ हो सकती हैं।
  • किडनी ट्रांसप्लांट कराने वाले मरीजों में नई लगाई गई एक ही किडनी काम करती हैं।

ब्लड प्रेशर पर रखनें निंयत्रण

एक किडनी वाले व्यक्ति को ब्लड प्रेशर की समस्या की संभावना अधिक रहती हैं, इसलिए ऐसे व्यक्ति जो एक किडनी पर जी रहे हैं, उन्हें अपने ब्लड प्रेशर पर नज़र रखनी चाहिए। ब्लड प्रेशर की समस्या के लिए डॉक्टर से मिलने पर उन्हें ये जरूर बताएं कि उनके पास एक ही किडनी हैं।


भारी एक्सरसाइज और खेल खेलने से पहले एक बार सलाह जरूर लें

जब हम एक्सरसाइज करते हैं, तो हमारे शरीर में रक्त प्रवाह तेज़ हो जाता हैं और पसीना भी निकलता हैं। ऐसे कार्यों की वजह से किडनी का काम बढ़ जाता हैं। ऐसे में अगर एक किडनी वाले व्यक्ति ज्यादा देर तक व्यायाम करते हैं या खेल खेलते हैं,तो उन्हें कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं, इसलिए अगर आप जिम जाते हैं या खेल में रूचि हैं तो आपको सबसे पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी जाहिए।

किडनी फेल्योर के आयुर्वेदिक उपचार

आयुर्वेदिक उपचार तन, मन और आत्मा के बीच संतुलन बनाकर स्वास्थ्य में सुधार करता हैं। आयुर्वेद चिकित्सा में न केवल उपचार होता हैं बल्कि ये जीवन जीने का ऐसा तरीका सिखाता हैं जिससे जीवन लंबा और खुशहाल होता हैं। आयुर्वेद के अनुसार शरू में वात, पित्त और कफ जैसे तीनों मूल तत्वों के संतुलन से कोई भी बीमारी आप तक नहीं आ सकती हैं, लेकिन जब इनका संतुलन बिगड़ता हैं तो बीमारी शरीर पर हावी होने लगती हैं और आयुर्वेदिक में इन्ही तीनों तत्वों का संतुलन बनाया जाता हैं। आयुर्वेद में रोग प्रतिरोधक क्षमता निकसित करने पर बल दिया जाता हैं, क्योंकि किसी भी प्रकार का रोग न हो। आयुर्वेद में विभिन्न रोगों के इलाज के लिए हर्बल उपचार घरेलू, उपचार, आयुर्वेदिक दवाओं, आहार संशोधन, मालिश और ध्यान का उपयोग किया जाता हैं।

कर्मा आयुर्वेदा भारत का सबसे प्रमाणिक आयुर्वेदिक किडनी उपचार केंद्र हैं। ये 1937 में धवन परिवार द्वारा स्थापित किया गया हैं। वे पूर्ण हर्बल और प्राकृतिक उपचार दवाओं का उपयोग करते हैं आयुर्वेदिक दवाओं से कोई साइड इफेक्ट नहीं होता हैं। वे तेजी से वसूली के लिए अपने मरीजों को एक किडनी आहार चार्ट भी प्रदान करती हैं। डॉ. पुनीत धवन ने सफलतापूर्वक 35 हजार से भी ज्यादा मरीजों का इलाज करके उन्हें रोग मुक्त किया हैं।