रोगी का नाम एस.बी.गुरूंग (उम्र 68) है जो कि देहरादून से आए हैं। वह किडनी फेल्योर की गंभीर बीमारी का सामना कर रहे थे। रोगी को डायलिसिस के लिए फिस्टुला करवाने के लिए बोल दिया गया था। साथ ही एस.बी.गुरूंग जी को इस बीमारी में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था।

आयुर्वेदिक इलाज के बाद

रोगी ने कुछ ही महीने पहले कर्मा आयुर्वेदा से इलाज शुरू किया था और आयुर्वेदिक उपचार प्राप्त करने के बाद अब वह डायलिसिस से मुक्त है। रोगी एस.बी.गुरूंग का पहले क्रिएटिनिन लेवल – 8.7mg/dl था और आयुर्वेदिक इलाज के बाद क्रिएटिनिन लेवल घटकर – 4.8mg/dl पर पहुंच गया है। साथ ही पहले स्वस्थ व तंदुरूस्त महसूस कर रहे हैं।

विश्लेषण:

एलोपैथी इलाज में कहा जाता है कि क्रिएटिनिन कभी कम नहीं हो सकता है, बल्कि बढ़ता ही चला जाएगा। लेकिन कर्मा आयुर्वेदा दिल्ली का एकमात्र आयुर्वेदिक किडनी उपचार केंद्र है जिसमें बिना डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के इलाज किया जाता है। वो भी सिर्फ और सिर्फ आयुर्वेदिक उपचार के साथ।

आयुर्वेदिक में किडनी की बीमारी का इलाज

किडनी एक अहम अंगों में आती है, जो सभी अपशिष्ट उत्पादों को हटाने और रक्त को छानने का काम करती है। किडनी हार्मोन जारी करती है जो रक्तचाप और लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या को नियंत्रित करती है। रक्त किडनी में प्रवेश करता है, अपशिष्ट पदार्थों को मोड़ने के साथ और मूत्रमार्ग के माध्यम से पेशाब शय को शरीर से बाहर निकाला जाता है। जिस रक्त को फिल्टर किया गया है वह शरीर में वापस चला जाता है। साथ ही किडनी में इंफेक्शन, किडनी स्टोन और क्रोनिक किडनी डिजीज नामक गंभीर स्थिति के कारण किडनी खराब हो सकती है, इनमें से कोई भी बीमारी बदतर होने पर वह किडनी फेल्योर का कारण बन सकता है।

कर्मा आयुर्वेदा दिल्ली के बेस्ट किडनी फेल्योर आयुर्वेदिक उपचार केंद्रो में से एक है, जो सन् 1937 में धवन परिवार द्वारा स्थापित किया गया था और आज इस अस्पताल का नेतृत्व डॉ. पुनीत धवन कर रहे हैं। डॉ. पुनीत धवन ने आयुर्वेद की मदद से 35 हजार से भी ज्यादा मरीजों का इलाज करके उन्हें रोग से मुक्त किया है, वो भी बिना किसी डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के। साथ ही यहां आयुर्वेदिक दवाओं के साथ आहार चार्ट और योग का पालन करने सलाह भी दी जाती है। कर्मा आयुर्वेदा का नाम भारत के साथ-साथ एशिया के बेहतरीन आयुर्वेदिक उपचार केंद्रो में शामिल है।