रोगी का नाम पूरन सिंह (उम्र 51) है, जो कि अलीगंढ से आए हैं। वह किडनी फेल्योर की बीमारी से जूझ रहे थे। रोगी का क्रिएटिनिन लेवल लगातार बढ़ने की वजह से उन्हें डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट करवाने के लिए बोल दिया गया था। रोगी पूरन जी को इस बीमारी के दर्द भरे लक्षणों से भी जूझना पड़ रहा था जैसे –

  • थकावट
  • सूजन आना
  • हाई क्रिएटिनिन लेवल
  • हाई ब्लड यूरिया लेवल
  • प्रोटीनुरिया की समस्या

आयुर्वेदिक उपचार के बाद

रोगी ने काफी समय तक एलोपैथी इलाज करवाया, लेकिन उनमे कोई सुधार देखने को न मिला। फिर उनके एक दोस्त के माध्यम से कर्मा आयुर्वेदा के बारे पता चला और तुरंत ही उन्होंने अपना आयुर्वेदिक इलाज शुरू कर दिया। कर्मा आयुर्वेदा में आने से पहले उनका क्रिएटिनिन लेवल – 4.79mg/dl था, लेकिन आयुर्वेदिक का अच्छे से पालन करने के बाद उनका क्रिएटिनिन लेवल घटकर – 3.52mg/dl पर पहुंच गया है। साथ ही ब्लड यूरिया लेवल भी – 74.64mg/dl से घटकर 38.7mg/dl पर आ गया है। इतना ही नहीं, वह शारीरिक तौर पर फिट, डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट से भी मुक्ति मिल गई है।

हाई क्रिएटिनिन लेवल का आयुर्वेदिक उपचार –

क्रिएटिनिन रक्त में पाए जाने वाला रासायनिक अपशिष्ट पदार्थ है जो मांसपेशियों का इस्तेमाल करने या ऊतकों के टूटने की वजह से उत्पन्न होते हैं। इसमें अधिक प्रोटीन का सेवन करने से यह कम मात्रा में उत्पन्न होते हैं। यह मांसपेशियों द्वारा क्रिएटिनिन की ऊर्जा के रूप में इस्तेमाल करने के समय अपशिष्ट के रूप में प्राप्त होता है। यह खून के माध्यम से पूरे शरीर में गति करता है और किडनी के द्वारा मूत्रमार्ग से बाहर निकाल देता है। किडनी रक्त में उपस्थित क्रिएटिनिन को फिल्टर कर अवशेष के रूप में अलग कर देती है। यह यूरिमिया नामक समस्या का कारण भी बनता है जो जीवन के लिए बहुत बड़ा खतरा हो सकता है।

कर्मा आयुर्वेदा भारत का प्रसिद्ध आयुर्वेदिक किडनी उपचार केंद्र है। जहां एलोपैथी डॉक्टर का कहना की क्रिएटिनिन कम नहीं हो सकता, वहीं कर्मा आयुर्वेदा के ने ये हजारों सिद्ध किया है कि आयुर्वेद की मदद से क्रिएटिनिन लेवल को कम किया जा सकता है। यह अस्पताल सन् 1937 में धवन परिवार द्वारा दिल्ली में स्थापित किया गया था और आज इसका संचालन डॉ. पुनीत धवन कर रहे हैं। कर्मा आयुर्वेदा में सिर्फ आयुर्वेदिक उपचार पर भरोसा किया जाता है और सभी मरीजों को आयुर्वेदिक दवाओं के साथ आहार चार्ट और योग करने की सलाह दी जाती है। साथ ही डॉ. पुनीत धवन ने आयुर्वेद की मदद से सफलतापूर्वक 35,000 से भी ज्यादा मरीजों का इलाज करके उन्हें इस गंभीर रोग से मुक्त किया है।