रोगी का नाम पंकज विश्वकर्मा (33 उम्र) है, जो कि मुंबई के रहने वाले हैं। रोगी पंकज जी की किडनी गंभीर रूप से डैमेज हो चुकी थी। साथ ही उनका क्रिएटिनिन लेवल भी काफी बढ़ चुका था और लगातार बढ़ता ही जा रहा था। जिसकी वजह से पंकज जी को हफ्ते में तीन बार डायलिसिस करवाना पड़ रहा था।

आयुर्वेदिक उपचार के बाद

रोगी ने कुछ ही महीने पहले कर्मा आयुर्वेदा से अपना इलाज शुरू किया था और तब उनका उच्च क्रिएटिनिन लेवल – 10.88mg/dL था, लेकिन आयुर्वेदिक उपचार प्राप्त करने के बाद उनका क्रिएटिनिन लेवल घटकर – 8.4mg/dL पर पहुंच गया है। इसी के साथ ही उनका डायलिसिस भी हफ्ते में दो बार हो गया है और आगे चलकर यह बंद भी हो जाएगा। बता दें कि, रोगी पंकज जी को अन्य समस्या से भी मुक्ति मिल गई है और शारीरिक तौर पर भी स्वस्थ है।

डायलिसिस क्या है और इसका आयुर्वेदिक उपचार –

जब दोनों किडनी अपने कार्य नहीं कर रही हो, तो उस स्थिति में किडनी के कार्य कृत्रिम विधि से करने की पद्धति को डायलिसिस कहते हैं। डायलिसिस एक प्रक्रिया है जो किडनी की खराबी की वजह से शरीर में एकत्रित अपशिष्ट उत्पादों और अतिरिक्त पानी को कृत्रिम रूप से बाहर निकालती है। किडनी फेल्योर या एंड स्टेज किडनी डिजीज या एक्यूट किडनी इंजरी के मरीजों के लिए डायलिसिस एक जीवन रक्षक तकनीक मानी जाती है।

  • डायलिसिस रक्त में अनावश्यक उत्सर्जी पदार्थ जैसे कि, क्रिएटिनिन और यूरिया को दूर करके रक्त का शुद्धिकरण करती है।
  • शरीर मे जमा हुए अधिक पानी को निकालकर द्रवों को योग्य मात्रा में बनाए रखना।
  • यह शरीर के क्षारों जैसे सोडियम, पोटेशियम आदि को उचित मात्रा में प्रस्थापित करना।
  • डायलिसिस शरीर में जमा हुए एसिड (अम्ल) की अधिक मात्रा को कम करते हुए उचित मात्रा बनाए रखता है।
  • डायलिसिस एक सामान्य किडनी के सभी कार्यों की जगह नहीं लें सकता है। जैसे एरिथ्रोपाइटिन हार्मोन (erythropoietin hormone) का उत्पादन जो हीमोग्लोबिन के स्तर को बनाए रखने में आवश्यक होता है।

कर्मा आयुर्वेदा दिल्ली का प्रसिद्ध आयुर्वेदिक किडनी उपचार केंद्र है, जो सन् 1937 में धवन परिवार द्वारा स्थापित किया गया था और आज इसका नेतृत्व डॉ. पुनीत धवन कर रहे हैं। कर्मा आयुर्वेदा एशिया के सभी जाने-माने आयुर्वेदिक अस्पतालों में शामिल है। साथ ही देश-विदेश से आए हजारों किडनी रोगियों को डाइट चार्ट की सलाह भी दी जाती है। डॉ. पुनीत धवन ने 35 हजार से भी ज्यादा मरीजों का इलाज करके उन्हें गंभीर किडनी रोग से मुक्त किया है वो भी बिना डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के।