पेशेंट का नाम मोहम्मद अशरफ (37 उम्र) है, जो कि बिजनोर के रहने वाले हैं। वह किडनी की बीमारी की शुरूआती अवस्था से जूझ रहे थे। रोगी को पहले ही ह्रदय रोग की समस्या थी, लेकिन जांच के बाद ह्रदय रोग के साथ-साथ किडनी की बीमारी भी सामने आई। साथ ही उनका क्रिएटिनिन लेवल धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा था, तब उन्होंने एलोपैथी इलाज भी करवाया, लेकिन कोई सुधार देखने को न मिला। इसके अलावा इस बीमारी में उन्हें कई जटिलाओं का भी सामना करना पड़ रहा था जैसे –

  • हाथ और पैरों में सूजन
  • बार-बार उल्टी होना
  • दिल की समस्या

आयुर्वेदिक उपचार के बाद

रोगी ने मात्र एक महीने पहले कर्मा आयुर्वेदा से इलाज शुरू किया था। आयुर्वेदिक इलाज शुरू करने से पहले उनका क्रिएटिनिन लेवल – 2.5mg/dl था, लेकिन आयुर्वेदिक दवाओं और आहार चार्ट का पालन करने पर उनका क्रिएटिनिन लेवल घटकर – 1.80mg/dl पर पहुंच गया है। साथ ही यूरिया लेवल भी सामान्य पर आने लगा है। पहले यूरिया लेवल – 69.9mg/dl था और अब इलाज के बाद 53mg/dl पर पहुंच गया है। साथ ही वह शारीरिक तौर पर स्वस्थ है और रिपोर्ट्स में भी काफी बदलाव देखने को मिले हैं।

किडनी की बीमारी और उसका आयुर्वेदिक उपचार

आजकल की जीवनशैली में बदलाव के कारण और गलत खानपान की आदतों की वजह से किडनी रोगियों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। हर साल लगभग साढ़े आठ लाख लोग किडनी रोगों के कारण मर जाते हैं। खराब जीवनशैली और गलत खानपान आपकी किडनी को बुरी तरह प्रभावित करती है, जिसके कारण किडनी ठीक से रक्त को फिल्टर नहीं कर पाती है। रक्त जब ठीक से फिल्टर नहीं होता, तो रक्त में मौजूद अपशिष्त पदार्थ और जहरीले तत्व इकट्ठा होकर किडनी और अन्य अंगों को नुकसान पंहुचाते हैं। किडनी रीढ़ की हड्डी के दोनों सिरों पर बीन के आकार में होती है। शरीर के खून का बड़ा हिस्सा किडनी से होकर गुजरता है। किडनी में मौजूद लाखों नेफ्रोन नलिकाएं खून को छानकर शुद्ध करती है। यह खून के अशुद्ध भाग को मूत्र के रूप में शरीर से बाहर निकालती है। किडनी रोग की शुरूआती अवस्था में पता नहीं चल पाता है और यह बीमारी खतरनाक रूप ले लेती है।

आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है जो हर रोग को जड़ से खत्म करने में मदद करती है। कर्मा आयुर्वेदा में किडनी का आयुर्वेदिक उपचार किया जाता है और यह भारत का एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक किडनी उपचार केंद्र है। कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल सन् 1937 में धवन परिवार द्वारा स्थापित किया गया था और आज इसका नेतृत्व डॉ. पुनीत धवन कर रहे हैं। डॉ. पुनीत धवन ने सफलता के साथ 35,000 से अधिक मरीजों का इलाज करके उन्हें किडनी की गंभीर बीमारी से छुटकारा दिलाया है। साथ ही, जिन लोगों को डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट करवाने की नौबात आ गई थी उन्हें भी इन दर्दनाक प्रक्रियाओं से मुक्त किया है।