पेशेंट का नाम श्रीमती रोनी (47 उम्र) है, जो कि मणिपुर की रहने वाली है। वह किडनी फेल्योर की अंतिम स्थिति से जूझ रही थी। रोगी का क्रिएटिनिन लेवल बेहद तेजी से बढ़ता जा रहा था, तो तब एलोपैथी डॉक्टर ने उन्हें डायलिसिस के लिए बोल दिया था और वह महीने में 6 बार डायलिसिस करवाती थी। रोगी ने काफी समय तक एलोपैथी उपचार भी चला था, लेकिन कोई सुधार देखने को न मिला। बल्कि क्रिएटिनिन लेवल दिन ब दिन लगातार बढ़ता चला गया।

आयुर्वेदिक इलाज के बाद

रोगी के रिश्तेदार को ऑनलाइन कर्मा आयुर्वेदा के बारे में पता चलने पर और कर्मा आयुर्वेदा के सकारात्मक रिव्यू को देखने पर उन्होंने तुरंत ही आयुर्वेदिक इलाज शुरू कर दिया। मात्र 1 महीने के अंदर ही उनमें सुधार दिखने लगा। रोगी का पहले क्रिएटिनिन लेवल – 13.8mg/dl था और आयुर्वेदिक उपचार प्राप्त करने के बाद उनका क्रिएटिनिन लेवल घटकर – 7.87mg/dl पर पहुंच गया है। साथ ही उन्हें डायलिसिस से भी छुटकारा मिल गया है।

किडनी की गंभीर बीमारी का आयुर्वेदिक उपचार

हमारे शरीर में किडनी सबसे नाजुक और महत्वपूर्ण अंगों में आती है। अगर इसका सही से ध्यान न रखें, तो इससे व्यक्ति की जान भी जा सकती है। अधिकतर लोग सोचते हैं कि ज्यादा शराब पीने से किडनी खराब होने लगती है लेकिन ऐसा नहीं है किडनी में खराबी के बहुत से कारण हो सकते हैं।

  • किडनी हमारे शरीर के लिए बहुत से जरूरी कामों को बेहद खामोशी से करती है, इसलिए इन्हें सुरक्षित रखना चाहिए और ऐसा कुछ भी नहीं करना चाहिए, जिससे किडनी को नुकसान पहुंचे।
  • जब किडनी को नुकसान पंहुचता है और इसकी कार्यक्षमता में कमी आती है, तब तक स्थिति गंभीर हो चुकी होती है। किडनी अपनी कैपेसिटी के 20% लेवल तक पंहुचने पर भी वह अपना काम काफी अच्छे से करती है, इसलिए किडनी से जुड़े रोगों को “साइलेंट डिजीज” कहा जाता है। इससे पहले किडनी को हुए नुकसान हद से बाहर हो जाएं, तो हमें किडनी की सेहत बनाएं रखने के लिए जरूरी कदम उठाने चाहिए।

दिल्ली के प्रसिद्ध आयुर्वेदिक उपचार केंद्र में से एक है कर्मा आयुर्वेदा अस्पताल। यह अस्पताल सन् 1937 में धवन परिवार द्वारा स्थापित किया गया था और आज इसका संचालन डॉ. पुनीत धवन कर रहे हैं। यहां आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से किडनी के मरीजों का इलाज किया जाता है। डॉ. पुनीत धवन ने आयुर्वेद की मदद से 35 हजार से भी ज्यादा मरीजों का इलाज करके, उन्हें रोग से मुक्त किया है वो भी डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट के बिना। कर्मा आयुर्वेदा में आयुर्वेदिक उपचार के साथ आहार चार्ट और योग करने की सलाह दी जाती है जिससे रोगी जल्दी ही स्वस्थ हो सकें।