यूरिन से जुड़ी कोई भी तकलीफ आपको किडनी में खराबी का खतरा बना सकती है, क्योंकि जिन्हें यूरिन में तकलीफ होती है उन्हें कई परेशानियां हो सकती है| यूरिन रोकने जैसी गन्दी आदत तो आप समझ ही लीजिये कि आपको कितनी दिक्कत हो सकती है| शरीर में कुछ अंग ऐसे होते हैं, जो अपनी आवश्यकता के अनुसार अपने काम को करते हैं| जिसकी आपको खास देख भाल भी करनी होती है| जिसमें से एक किडनी भी है, किडनी शरीर के अन्दर होती है और यह बहुत ही नाजुक होती है| इसमें अगर थोड़ी सी भी खराबी आ जाए तो ये आपके पुरे शरीर का संतुलन खराब कर सकती है|

यूरिन रोकने से आपको आ सकती ही ये दिक्कत:

  • जब आप देर तक यूरिन को रोकते हैं तो इससे आपके यूरिनरी ट्रैक्ट में संक्रमण हो जाता है, जो आपकी किडनी में भी संक्रमण का कारण बनते हैं|
  • वैसे तो यूरिन में संक्रमण कई कारणों से हो सकता है, लेकिन अगर आप लम्बे समय तक यूरिन रोक कर रखते हैं तो ये आपको यूरिन संक्रमण का शिकार बना सकता है|
  • लम्बे समय तक यूरिन रोकने की आदत की वजह से किडनी और यूरिनरी ट्रैक्ट में जलन और सूजन जैसे समस्या हो जाती है| अधिक समय तक यूरिन रोकने से यूरिन में मौजूद toxins एक साथ मिलकर किडनी में स्टोन का निर्माण कर सकते हैं| जिससे आपको किडनी मेंस्टोन की समस्या हो सकती है|
  • अधिक समय तक यूरिन रोकने से यूरिन की थैली में खिचाव बन जाता है, जिससे यूरिन सही मात्रा में रिलीज़ नहीं हो पातीऔर यूरिन रिलीज़ करते समय दर्द और जलन हो सकती है| कई बार तो ऐसा होता है कि यूरिन सही मात्रा में हो नहीं पाता जिसके लिए catheter का प्रयोग करना पड़ सकता है|

यूरिन रोकने से होने वाली परेशनियों से बचें:

  • दिन भर में 8 से 10 गिलास पानी पीना चाहिए इससे यूरिन सही मात्रा में रिलीज़ होती है|
  • इसके बाद यूरिन रोकने जैसी गलत आदत को छोड़ दें|
  • यूरिन संक्रमण से बचने के लिए आपको साफ़ सफाई का ध्यान रखना होगा|
  • अपने आहार का खास ध्यान रखें|
  • अधिक मसालेदार और तला हुआ खाना न खाएं|
  • ड्रिंक और स्मोकिंग से दूरी बनाकर रखें|

ऐसी लें डाइट :

  • आप अपने आहार में धुली मुंग दाल, अरहर दाल, गेहूं के आटे की रोटी और उबले हुए चावल का सेवन कर सकते हैं|
  • साथ ही सब्जियों में आप घीया, टोरी, टिंडा, परवल, कच्चा पपीता, हरा कद्दू और प्याज इन सभी सब्जियों का सेवन मरीज़ नियमित रूप से कर सकते हैं|
  • इसके अलावा पत्तागोभी, लाल शिमला मिर्च, करेला, गाजर, मुली और उबले आलू इनका सेवन हफ्ते में केवल एक बार ही करना है|
  • फलों की बात करें तो किडनी के मरीज़, सेब, नाशपाती, पपीता और अमरुद वह भी बीज निकालकर इन सभी फलों का सेवन कर सकते हैं|

कर्मा आयुर्वेदा द्वारा किडनी फेल्योर का आयुर्वेदिक उपचार :-

कर्मा आयुर्वेदा साल 1937 से किडनी रोगियों का इलाज करता आ रहा है| कर्मा आयुर्वेदा की स्थापना वर्ष 1937 में धवन परिवार द्वारा स्थापना की गयी थी| वर्तमान समय में डॉ. पुनीत कर्मा आयुर्वेदा को संभाल रहे है| डॉ. पुनीत ने केवल भारत में ही नहीं बल्कि विश्वभर में किडनी की बीमारी से ग्रस्त मरीजों का इलाज आयुर्वेद द्वारा किया है| किडनी के आयुर्वेदिक इलाज़ में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है| डॉ. पुनीत ने अब तक 1 लाख 50 हजार से भी ज्यादा किडनी मरीजों को रोग से मुक्त किया है| कर्मा आयुर्वेदा में डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट जैसे विकल्प की आवश्यता नहीं hotiयहाँ इलाज़ सिर्फ दवाइयों से ही किया जाता है जो पूरी तरह सफल है|